देहरादूनः लोकसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे राजनीतिक दल जनप्रचार तेजी से कर रहे हैं. जगह-जगह रैलियों का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन उत्तराखंड के जोशीमठ और चमोली जिले में कोई चुनावी रंग नहीं दिख रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण राजनेताओं की इन जगहों से दूरी बनाना है. दरअसल, उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों में ना तो बीजेपी के और ना ही कांग्रेस के प्रत्याशी पहुंच रहे हैं. केवल नगरीय क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. हालांकि इसके पीछे की वजह जमीन के धंसने को बताया जा रहा है.
जोशीमठ और दसौली विकासखंड के दुर्गम इलाकों में किसी भी राजनीतिक दल के प्रत्याशी दूरी बनाए हुए हैं. बीजेपी के कोई भी बड़े स्तर के नेता अभी तक नहीं जोशीमठ नहीं पहुंचे हैं. पिछले चुनाव में प्रचार-प्रसार की शुरुआत जोशीमठ से हुई थी. लेकिन इस साल जोशीमठ में एकदम सन्नाटा छाया हुआ है. पिछले वर्ष भूधंसाव की आफत बताई जा रही है सबसे बड़ी वजह.
बता दें कि उत्तराखंड के पांच लोकसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण में यानी कि 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. उत्तराखंड के जिन सीटों पर वोटिंग होने वाली है, उनमें टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल-उधमसिंह और हरिद्वार सीटों पर वोटिंग होगी. पहले चरण में 19 अप्रैल को देश के 21 राज्यों के 102 सीटों पर मतदान होगा. दूसरे फेज में 26 अप्रैल को 12 राज्य के 88 सीटों पर वोटिंग होगी. फेज 3 में 7 मई को 13 राज्य के 94 सीटों पर मतदान होगा.
फेज 4 में 13 मई को 10 राज्य के 96 सीटों पर मतदान होगा. वहीं फेज 5 में 20 मई को 8 राज्य के 49 सीटों पर मतदान होगा. फेज 6 में 25 मई को 7 राज्य के 57 सीट, फेज 7 में 1 जून को 8 राज्य के 57 सीटों पर मतदान होगा. लोकसभा चुनाव का परिणाम 4 जून को घोषित होगा.