देहरादून : उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ को लेकर चमोली से लेकर देहरादून और दिल्ली तक हलचल है. शासन-प्रशासन की टीमें लगातार प्रभावित इलाके से लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में जुटी हैं तो वहीं बड़ी दरार वाले मकान, होटल तोड़ने की कार्रवाई भी साथ-साथ चल रही है.
प्रशासन एक तरफ जहां प्रभावित इलाकों में घर-मकान और होटल्स को तोड़ने की कार्रवाई लगातार कर रहा है. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से पीड़ितों की सहायता के लिए अब तक करोड़ों रुपये खर्च किए जाने की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ जिनके आशियाने और होटल तोड़े जा रहे हैं, उनको कितना मुआवजा मिलेगा? इसे लेकर तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो सकी है.
पीड़ित परिवार लगातार मुआवजे की मांग कर रहे हैं तो वहीं विपक्ष भी विस्थापन का दर्द झेल रहे जोशीमठ के लोगों को न्यायोचित मुआवजा देने की मांग करते हुए सरकार को घेरने में जुटा है. इन सबके बीच उत्तराखंड सरकार ने मुआवजे का फॉर्मूला तय करने के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी गठित की थी जिसकी आज बैठक होने वाली है.
जोशीमठ की इस आपदा से प्रभावित परिवारों के विस्थापन, पुनर्वास और मुआवजे को लेकर गठित अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी आज अपनी सिफारिश राज्य सरकार को सौंप देगी. हाईपावर कमेटी की सिफारिश मिलने के बाद इस पर कैबिनेट में चर्चा होगी. कमेटी की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय कैबिनेट की बैठक में होगा.
आज तय हो सकता है मुआवजे का फॉर्मूला
उम्मीद जताई जा रही है कि जोशीमठ की आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे का फार्मूला आज तय हो जाएगा. हाईपावर कमेटी के सामने मानकों का ध्यान रखते हुए जनभावना के अनुरूप बीच का रास्ता निकालने की बड़ी चुनौती है. लोग बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत अधिग्रहित जमीन के मुताबिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
जनता मांग रही बद्रीनाथ मास्टर प्लान की तरह मुआवजा
जनता की मांग को लेकर प्रशासन के अधिकारियों का तर्क है कि बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत जमीन का अधिग्रहण सरकार ने अपनी जरूरत के मुताबिक किया था इसलिए मुआवजे की रकम भी अधिक निर्धारित की गई. जोशीमठ का मामला आपदा का है. यहां सरकार लोगों की सहायता कर रही है, अपनी जरूरत के लिए उन्हें विस्थापित नहीं किया जा रहा.
प्रशासन के सुझाव, जनता की मांग पर मंथन आज
जनता की मांग और प्रशासन के तर्क में बीच का रास्ता निकालना हाईपावर कमेटी के लिए भी आसान नहीं होगा. हाईपावर कमेटी की बैठक में जिला प्रशासन की ओर से दिए गए सुझाव और स्थानीय नागरिकों की अपेक्षाओं पर मंथन होगा और प्रभावितों के लिए मुआवजा निर्धारित करने में बीच का रास्ता निकालने की कोशिश होगी. हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही राज्य सरकार, केंद्र सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग करेगी.