नई दिल्ली: वक्फ संशोधन अधिनियम पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की सोमवार को बैठक हुई. बैठक में 44 संशोधनों पर चर्चा की गई. बीजेपी की अगुवाई में एनडीए सांसदों के संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया जबकि विपक्ष के संशोधनों को सिरे से खारिज कर दिया गया.
संसदीय समिति की अगुवाई कर रहे बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि एनडीए सांसदों की ओर से पेश किए गए 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया जबकि विपक्ष की ओर से पेश किए गए सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया.
समिति की ओर से प्रस्तावित एक प्रमुख संशोधन ये था कि ‘वक्फ बाय यूजर’ के आधार पर मौजूदा वक्फ संपत्तियों पर सवाल नहीं उठाए जा सकते.
समिति की बैठक में आज हुई वोटिंग में सत्तारूढ़ सरकार की ओर से संशोधनों के पक्ष में 16 सांसदों ने वोटिंग की जबकि विपक्ष के 10 सदस्यों ने इसके विरोध में वोटिंग की. विपक्ष के संशोधनों में विपक्ष को बिल के 44 क्लॉजों को लेकर आपत्ति थी लेकिन इन्हें खारिज किया गया.
बता दें की जेपीसी का कहना है कि इसकी मसौदा रिपोर्ट को 28 जनवरी को सर्कुलेट किया जाएगा जबकि 29 जनवरी को इसे आधिकारिक तौर पर अडॉप्ट किया जाएगा.
इस बैठक के बाद टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि आज, इन्होंने वही किया, जो इन्होंने तय किया था. इन्होंने हमें बोलने तक का समय नहीं दिया. किसी भी तरह के नियम या प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.
विधेयक पर विवाद
8 अगस्त को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश होने के तुरंत बाद इस समिति का गठन किया गया था. विपक्षी दलों ने इस विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कड़ी आलोचना की. वहीं, सत्तारूढ़ बीजेपी का कहना है कि ये संशोधन वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाएंगे और उन्हें जवाबदेह बनाएंगे.