नई दिल्ली : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल चुनावी तैयारी में जुट गए हैं। इस चुनाव का अहम चेहरा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी होंगे लेकिन फिलहाल उनके लिए सबकुछ ठीक नहीं दिखाई दे रहा है। इसकी खास वजह उनके सहयोगियों का साथ छोड़ कर जाना बताया जा रहा है। समंदर पटेल के बाद सिंधिया के सहयोगी प्रमोद टंडन शनिवार को मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में लौट आए हैं।
प्रमोद टंडन को रामकिशोर शुक्ला और दिनेश मल्हार के साथ इंदौर में पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख कमल नाथ ने औपचारिक रूप से कांग्रेस में फिर से शामिल कर लिया है। प्रमोद टंडन तब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे जब सिंधिया और उनके करीबी कई कांग्रेस विधायक मार्च 2020 में पार्टी में शामिल हो गए थे और राज्य में कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी।
लगातार साथ छोड़ रहे सिंधिया के साथी
प्रमोद टंडन को राज्य भाजपा की कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया था और वह सिंधिया के काफी करीबी माने जाते हैं। उनके बारे में कहा जाता था कि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनसे पहले उनके पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के कट्टर वफादार थे। भाजपा कार्यसमिति के एक अन्य सदस्य समंदर पटेल 18 अगस्त को भोपाल में सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस में लौट आए थे।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। फिलहाल यह कहना आसान नहीं है कि किस पार्टी का पलड़ा भारी है। कांग्रेस से भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सियासी वज़न को लेकर भाजपा आश्वस्त है और भाजपा को इसका सियासी फायदा हासिल होने वाला है लेकिन चुनाव से ठीक पहले सिंधिया के करीबी लोगों का कांग्रेस में जाना पार्टी को सकते में डाल सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिंधिया के जिन साथी नेताओं ने भाजपा का साथ छोड़ा है, उनमें अधिकतर ग्वालियर-चंबल संभाग के नेता हैं। खास बात यह है कि यह संभाग सिंधिया का इलाका है और सिंधिया राजघराने का राजनीतिक गढ़ माना जाता रहा है।
किस-किस नेता ने छोड़ दिया है भाजपा का साथ?
भाजपा का साथ छोड़ने वाले नेताओं में समंदर पटेल का नाम काफी प्रमुखता से लिया जा रहा है। वह नीमच जावद विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। हार के बावजूद वह खासा प्रभाव छोड़ पाने में कामयाब हुए थे। उनके अलावा भाजपा का साथ छोड़ने वाले नेताओं में बैजनाथ सिंह यादव, जयपाल सिंह यादव, यदुराज सिंह यादव,रघुराज धाकड़,राकेश गुप्ता,गगन दीक्षित आदि का नाम शामिल है।