नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। जिले में नई कालोनी विकसित करने के लिए नहर के किनारे से ली गई बिल्डर द्वारा अनापत्ति प्रमाण को विभाग ने निरस्त कर दिया है। दरअसल उमरिया जिला मुख्यालय स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास के समीप कबीर बिल्डकॉन द्वारा नई कॉलोनी स्वर्ण भूमि विकसित की जा रही है, इसके लिए नेशनल हाइवे से कालोनी तक के लिये नहर किनारे से 40 फिट सड़क की अनापत्ति ली गई थी। विभाग द्वारा शिकायत के बाद संज्ञान लेते हुए जारी की गई अनापत्ति को निरस्त कर दिया गया।
विभाग ने जारी की थी अनापत्ति :
पहले तो विभाग द्वारा नहर किनारे 40 फिट सड़क अंकित करते हुए अनापत्ति जारी कर दी गई। फिर उसे शिकायत के बाद निरस्त कर दिया। जल संसाधन विभाग द्वारा पूर्व में सांसद निधि से राधा स्वामी सत्संग व्यास पहुंच मार्ग के लिए 14 फिट 120 मीटर सीसी सड़क निर्माण जो कि मुख्य नहर के ऊपरी किनारे से 5 फिट छोड़ते हुए बनाई जानी थी, के लिए अनापत्ति दी गई। लेकिन 40 फिट अधिग्रहित भूमि में विभाग द्वारा कबीर बिल्डकॉन को चालीस फिट सी सी सड़क की अनुमति मिल गई। मामला में फंस रहे जल संसाधन विभाग ने अपने कारनामों पर पर्दा डालने शिकायत के बाद दिए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया।
अनापत्ति जारी पर उठ रहे सवाल :
खास बात तो यह है, कि जल संसाधन विभाग द्वारा नहर के लिए महज 40 फिट की भूमि अधिग्रहित की गई थी, जिसमें नहर के ऊपरी सतह से पांच फिट छोड़ते हुए चौदह फिट की 120 मीटर सी सी सड़क बनाने का प्रस्ताव सांसद निधि से पास हुआ। मास्टर प्लान 2007 के अनुसार दोनों ओर वृक्षारोपण भी दर्शाया गया है। लेकिन रसूख के दम पर बिल्डर को चालीस फिट की अधिग्रहित भूमि में से 40 फिट में की सड़क
अंकित करते हुए अनुमति जल संसाधन विभाग के जिम्मेदारों ने दे दिया। वहीं शिकायतकर्ता के शिकायत के बाद हरकत में आते हुए विभाग ने सड़क के वास्ते दी हुई अनापत्ति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया।
धड़ल्ले से जा रहे भारी-भरकम वाहन :
यही नहीं मुख्य नहर के किनारे जहां चौदह फिट की 120 मीटर सड़क स्वामी सत्संग व्यास तक जाने के लिए दी गई, उसमें खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नहर किनारे से भारी भरकम वाहनों का आवागमन कबीर बिल्डकान के निर्माणाधीन स्वर्ण भूमि कॉलोनी तक हो रहा है, जिसके लिए भी जल संसाधन विभाग मूक दर्शक बना हुआ है।
तो क्या टी एन्ड सीपी को भी किया गुमराह :
जिस तरह से जल संसाधन विभाग से अनापत्ति प्राप्त की गई, उसके अनुसार टाउन एन्ड कंट्री प्लान, नगर निवेश सहित रेरा से भी अनुज्ञा बिल्डर्स को लेनी पड़ती है। शिकायतकर्ता के अनुसार जल संसाधन विभाग से सांठ-गांठ कर अनापत्ति लेकर गुमराह कर कालोनी निर्माण के लिए ली गई अन्य अनुज्ञा को लेकर भी सन्देह की स्थिति है, जिसकी जांच से पर्दा उठ सकता है।