अमरवाड़ा : अमरवाड़ा उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक बार फिर झटका लगा है. छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है. नतीजे आने के बाद हार जीत का विश्लेषण शुरू हो गया है. कांग्रेस विधायक कमलेश प्रताप शाह के इस्तीफे से खाली हुई अमरवाड़ा सीट पर 10 जुलाई को मतदान हुआ था. उपचुनाव के नतीजे 13 जुलाई को आने थे. अमरवाड़ा में कांग्रेस को हराकर बीजेपी ने कमल खिलाया है. हालांकि कांग्रेस ने भी अमरवाड़ा में बीजेपी को कड़ी टक्कर दी.
कांग्रेस प्रत्याशी धीरेंद्र शाह को 1500 वोटों से हार मिली. बीजेपी की तरफ से कमलेश प्रताप शाह चुनावी रण में थे. अमरवाड़ा उपचुनाव दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था. कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गजोंने अमरवाड़ा सीट जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. बीजेपी प्रत्याशी के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चुनाव प्रचार किया था. दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी. उन्होंने दावा किया था कि जीत के बाद धीरेंद्र शाह विधानसभा में पास बैठेंगे. हालांकि बीजेपी भी अमरवाड़ा में जीत का दावा कर रही थी.
अमरवाड़ा जीतने के लिए जानें बीजेपी की रणनीति
बीजेपी ने अमरवाड़ा उपचुनाव में कोई बड़ी सभा आयोजित नहीं की. छोटे-छोटे इलाकों में जाकर बीजेपी नेताओं ने स्थानीय लोगों से मुलाकात कर स्थिति, परिस्थिति और समस्या को जाना. चुनाव बाद समस्याओं के निदान का आश्वासन भी दिया गया. प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा स्वीकार कर चुके हैं कि अमरवाड़ा में बीजेपी ने बड़ी सभा नहीं की थी.
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव लगातार सक्रिय दिखाई दिए. लोकसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उपचुनाव के लिए भी पूरी ताकत लगा दी. इन सब किरण से अमरवाड़ा चुनाव बीजेपी के लिए थोड़ा आसान हो गया था. हालांकि कांग्रेस के प्रत्याशी ने शुरू से आखरी तक बीजेपी प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी.
उपचुनाव में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हुआ-कांग्रेस
अमरवाड़ा उपचुनाव के नतीजों पर कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया आयी है. प्रदेश प्रवक्ता मुकेश नायक का कहना है कि अमरवाड़ा उपचुनाव में बीजेपी ने जीत के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया है. हार के बाद पुनर्गणना को लेकर आवेदन भी दिया गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हार पर मंथन किया जाएगा.