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प्राइवेट जॉब में आरक्षण को लेकर कर्नाटक सरकार ने लिया यूटर्न, जानिए क्यों?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
18/07/24
in राज्य, समाचार
प्राइवेट जॉब में आरक्षण को लेकर कर्नाटक सरकार ने लिया यूटर्न, जानिए क्यों?
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नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में आरक्षण को लेकर कर्नाटक सरकार ने यूटर्न ले लिया है. सरकार ने पहले C और D कैटेगरी की प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने की बात कही थी. फिलहाल, आरक्षण के उस फैसले पर रोक लगा दी गई है. कैबिनेट ने फैसला स्थगित कर दिया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्राइवेट सेक्टर में कन्नड़ लोगों को 100 फीसदी आरक्षण देने को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट की थी. अपनी इस पोस्ट में उन्होंने कहा, हम कन्नड़ समर्थक सरकार हैं.

सरकार के इस फैसले का चौतरफा विरोध होने पर इस पर रोक लगा दी गई. सरकार का कहना है कि इस बिल पर वह पुनर्विचार करेगी. देश में यह पहला ऐसा मामला नहीं है. इससे पहले आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों की सरकारों ने भी यही बात कही थी, लेकिन इसे लागू करने में असमर्थ रही.

प्राइवेट सेक्टर में कहां-कहां रिजर्वेशन का नियम लागू?

कर्नाटक से पहले प्राइवेट सेक्टर में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के लिए आंध्र प्रदेश और हरियाणा में कोशिश की गई थी. वहीं, मध्य प्रदेश में भी सरकार ने ऐसा ही कहा था, लेकिन यह कोशिश रंग नहीं ला पाई थी. भारत में भले ही नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का तरीका सफल न हो पाया लेकिन दुनिया के कई देशों में यह लागू है और इसका विरोध भी नहीं हुआ.

इस मामले में सऊदी अरब सबसे आगे रहा है. यहां 1985 में पॉलिसी लागू की गई थी जिसके तहत स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर में नौकरी देना अनिवार्य किया गया. देश के विजन 2030 को ध्यान में रखते हुए इसमें अपडेट भी किए गए. इसे सऊदी राष्ट्रीयकरण योजना और निताक़त के नाम से जाना जाता है. इसे यहां के श्रम मंत्रालय ने लागू किया. इसके लिए बाकायदा एक फॉर्मूला दिया गया जिसके आधार पर आरक्षण दिया जाता है.

सऊदी के बाद ओमान ने लागू की पॉलिसी

स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर में नौकरी देने के लिए ओमान सरकार ने 1988 में पॉलिसी लागू की. इसे ओमनाइजेशन के नाम से जाना गया. इस पॉलिसी का लक्ष्य था कि विदेशी कामगारों की संख्या घटाकर उनकी जगह ओमान के लोगों को जॉब सेक्टर में मौके मिलें.

यहां अलग-अलग सेक्टर में स्थानीय लोगों के आरक्षण का पर्सेंटेज तय किया गया. जैसे- बैंकिंग एंड फाइनेंस में 60 फीसदी, इंडस्ट्रियल सेक्टर में 35 फीसदी, होटल एंड रेस्टोरेंट में 30 फीसदी, होलसेल और रिटेल सेक् र में 20 फीसदी और कॉन्ट्रैक्ट के तहत की जाने वाली नौकरियों में 15 फीसदी स्थानीय लोगों को मौके दिए जाते हैं.

UAE भी पीछे नहीं

संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE में भी ऐसा नियम लागू है. यहां की पॉलिसी का नाम है- Emiratisation.इस पॉलिसी के तहत UAE सरकार ने अलग-अलग इंडस्ट्री में नौकरी के लिए स्थानीय लोगों का कोटा फिक्स किया. यहां की काउंसिल ने तय किया है कि 75 हजार स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर में अगले 5 सालों में नौकरी दी जाएगी. अगर कोई कंपनी इसमें घपला करती है उन्हें सजा देने की बात भी कही.

मलेशिया में स्थानीय लोगों को जॉब देने के लिहाज से पॉलिसी लागू की गई. मलेशिया की पॉलिसी के मुताबिक, रोजगार, शिक्षा और व्यवसाय में मलय और स्वदेशी लोगों की भर्ती अनिवार्य करने की बात कही गई. इस नीति का उद्देश्य जनसंख्या की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना बताया गया.

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