पिथौरागढ़: जिले के दूरदराज वाले इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं. कई मामलों में अस्पताल पहुंचने में देरी के कारण यहां गर्भवती महिलाओं को अपनी जिंदगी से भी हाथ धोना पड़ा है. इन सब समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन की पहल पर जिला सूचना विज्ञान केंद्र ने काव्या नाम से एक ऐप बनाया है, जिसमें जिले की सभी हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं का डाटा संग्रहित रहेगा.
इस पहल से हाई रिस्क वाली महिलाओं तक समय से सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराए जा सकेंगे. पिछले साल काव्या नाम की महिला की प्रसव के बाद मौत हो गई थी. जिसके बाद उसी के नाम पर पिथौरागढ़ के तत्कालीन जिलाधिकारी आशीष चौहान ने गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए काव्या ऐप बनवाया था, जो यहां की गर्भवती महिलाओं के लिए मददगार साबित हो रहा है.
प्ले स्टोर से डाउनलोड करें एप
काव्या ऐप को प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है, जिसमें गर्भवती महिलाओं का डाटा लोग आसानी से अपलोड कर सकते हैं. इसके बाद हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं का डाटा डॉक्टरों तक पहुंचता है. जिससे प्रशासन को हाय रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं की जानकारी रहती है और उन तक सारी मदद प्रशासन द्वारा पहुंचाई जाती है. ऐसी महिलाओं को डॉक्टरों द्वारा निशुल्क परामर्श भी दिया जाता है.
डॉक्टरों को मिल जाती है जानकारी
काव्या ऐप की मदद से जिले के डॉक्टरों को गर्भवती महिलाओं की कंडीशन के बारे में पहले से ही मालूम रहता है, जिससे प्रसव में आसानी होती है और रिस्क कम रहता है. कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि अस्पताल पहुंचने के बाद गर्भवती महिलाओं को इमरजेंसी में रेफर किया जाता है, जिससे जान का जोखिम बना रहता है. इन्हीं सब दिक्कतों को देखते हुए ऐप की शुरुआत की गई है, जो अब भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होगी.
100 से अधिक महिलाओं को मिला लाभ
ऐप पर हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की जानकारी देने की जिम्मेदारी एएनएम, जीएनएम, आशा कार्यकर्ताओं की है. ऐप को बनाने वाले जिला सूचना विज्ञान विभाग के अधिकारी गौरव कुमार ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक 100 से ज्यादा महिलाओं को इसका फायदा मिल चुका है.