श्री केदारनाथ: मंदिर प्रांगण में केदारनाथ के तीर्थ पुरोरहितों, मंदिर समिति, पुलिस प्रशासन, समस्त केदारपुरी द्वारा रखा गया मौन, 2013 की आपदा में दिवंगत आत्माओं के लिए
श्री केदारनाथ: श्री केदारनाथ धाम में आज श्री केदारनाथ घाटी में 16 ,17 जून 2013 में आई हुई महा विनाशकारी बाढ़ को गए हुए 8 साल पूरे हो गए हैं. इस प्रलयंकारी कारी बाढ़ की कल्पना जब आंखों के सामने दिखती है तो अभी भी आत्मा हिल उठती है. आज मंदिर प्रांगण में केदारनाथ के तीर्थ पुरोरहितों द्वारा, मंदिर समिति, पुलिस प्रशासन, समस्त केदारपुरी द्वारा रखा गया मौन 2013 के आपदा में जिन लोगों ने जान गंवाई थी. कई लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. इसमें हमने अपने बहुत से लोगों को एवं तीर्थ में आए हुए तीर्थ यात्रियों को खोया है. उन दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए बाबा श्री केदारनाथ भैरवनाथ जी से आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गयी.
श्री केदारनाथ में सम्मानीय तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने बताया कि ऐसा भगवान् किसी को दृश्य न दिखाए. ईश्वर से प्रार्थना ही कर सकते हैं हम. हमने बहुत लोगों को खोया और जो तीर्थ के लिए तीर्थ यात्री हुए थे उन्होंने भी अपनी जानें गंवाई. अपनों को खोया लोगों ने. बड़ा भयानक दृश्य था वह. इस आपदा में 4400 से अधिक लोग मारे गए थे.
केदारनाथ आपदा कैसे आई थी?
साल 2013 केदारनाथ धाम में भारी बारिश के बीच मंदाकिनी नदी ने विकराल रूप दिखाया था. हादसे में 6 हजार से ज्यादा लोग लापता हो गए थे, जिसके कारण मारे जाने वालों का आधिकारिक आंकड़ा भी साफ नहीं. तब जून 13 से लेकर 17 के बीच उत्तराखंड में काफी बारिश हुई थी. … तेजी से बहती हुई मंदाकिनी का पानी केदारनाथ मंदिर तक आ गया.
उत्तराखंड में केदारनाथ आपदा कब आई?
आपको बता दें उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में स्थिति केदारनाथ में 16 जून 2103 की आपदा पूरी मानव जाति को झकझोर गई थी। उस आपदा में साढ़े चार हजार से अधिक लोगों की मौत हुई या लापता हो गए थे। चार हजार से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया।
केदारनाथ में प्रलय क्यों आई?
वैज्ञानिकों ने बताया कि 2013 में आई केदारनाथ आपदा कैसे आई तो उन्होंने बताया कि केदारनाथ की आपदा मॉनसून में आई थी, जिस जगह से भीषण जल आया था उस स्थान पर झील थी