Saturday, May 10, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home कला संस्कृति

सावन में ये व्रत रखने से दूर होगी वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति की सभी समस्याएं

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
24/07/21
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
सावन में ये व्रत रखने से दूर होगी वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति की सभी समस्याएं

google image

Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

श्रावण मास महादेव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने वाला महीना होता है. इस महीने में अनेक व्रत और त्योहार पड़ते हैं. आमतौर पर लोग सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखकर महादेव और माता पार्वती की आराधना करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि सावन में जितना महत्व सोमवार व्रत का है, उतना ही मंगलवार के व्रत का भी है. सावन के मंगलवार का व्रत मंगला गौरी व्रत के नाम से जाना जाता है. इस बार सावन में 4 मंगलवार पड़ेंगे. पहला मंगल 27 जुलाई को पड़ रहा है.

जिन लोगों के वैवाहिक जीवन में समस्याएं चल रही हों, संतान सुख की कामना हो, उन्हें सावन के महीने में माता मंगला गौरी का व्रत जरूर रखना चाहिए और माता की विधिवत पूजा करके उनसे अपनी समस्याओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए. मान्यता है कि सावन का महीना महादेव और माता पार्वती दोनों को अति प्रिय है, इसलिए इस माह में जो भी पूरी श्रद्धा के साथ उनकी आराधना करता है, माता पार्वती और भोलेनाथ उस भक्त की मनोकामना जरूर पूरी करते हैं. जानिए सावन के मंगलवार के व्रत का महत्व और विधि.

पांच वर्षों तक रखा जाता है मंगला गौरी व्रत
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि मंगला गौरी व्रत बहुत ही प्रभावशाली व्रत है. जिन लड़कियों का विवाह न हो रहा हो और जिनके वैवाहिक जीवन में सुख न हो, जिनकी संतान न हो, ऐसी स्त्रियों को ये व्रत जरूर करना चाहिए. इस व्रत की महिमा का उल्लेख भविष्य पुराण में भी किया गया है. लेकिन ये व्रत एक बार शुरू करने के बाद पांच वर्षों तक लगातार सावन माह में रखना पड़ता है. वैवाहिक स्त्रियां पहले साल का मंगला गौरी व्रत मायके में रहें, बाकी के चार सावन में इस व्रत को ससुराल में रखें. अगर पांच सालों तक सावन माह के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत सच्ची श्रद्धा से किया जाए तो मातारानी मनोकामना को जरूर पूरा करती हैं.

व्रत और पूजन विधि जानें
श्रावण के महीने में पहले मंगलवार के दिन इस व्रत की शुरुआत करें. इस बार 27 जुलाई से इस व्रत की शुरूआत होगी. व्रत वाले दिन सुबह स्नानादि करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद चौकी पर एक सफेद और एक लाल कपड़ा बिछाएं और माता पार्वती की प्रतिमा रखें. फिर आटे का एक बड़ा दीपक बनाएं और दीपक में 16 बत्तियों को एक साथ डालकर प्रज्ज्वलित करें. भगवान गणेश के पूजन से पूजा की शुरुआत करें. गणपति को पंचामृत, जनेऊ, चंदन, रोली, सिंदूर, सुपारी, लौंग, पान, चावल, फूल, बिल्ब पत्र, इलायची, फल, मेवा, प्रसाद चढ़ाएं. चावल के नौ ढेर बनाकर नवग्रह पूजन करें. इसके बाद 16 गेंहू के ढेर बनाएं और उनकी पूजा करें. उन्हें रोली, हल्दी, मेहंदी, सिन्दूर और जनेऊ चढ़ाएं. इसके बाद माता मंगला गौरी की पूजा आरंभ करें.

ऐसे करें मां मंगला गौरी की पूजा
माता मंगला गौरी की पूजा के लिए एक थाली में चकला रखें. उस पर मंगला गौरी की मिट्टी की प्रतिमा बनाएं और आटे की लोई बनाकर रख लें. इसके बाद मां मंगला गौरी को गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी से स्नान कराएं. सुंदर से वस्त्र पहनाएं. रोली, चन्दन, हल्दी, सिन्दूर, मेंहदी, काजल आदि लगाकर माता का श्रंगार करें. इसके बाद मां को 16 प्रकार के फूल, 16 माला, 16 तरह के पत्ते, 16 आटे के लड्डू, 16 फल, पांच तरह की मेवा, 16 बार सात तरह का अनाज, 16 जीरा, 16 धनिया, 16 पान, 16 सुपारी, 16 लौंग, 16 इलाइची, एक सुहाग की डिब्बी में रोली, मेहन्दी, काजल, सिन्दूर, तेल, कंघा, 16 चूड़ी और सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा चढ़ाएं. इसके बाद मंगला गौरी माता की कथा सुनें या पढ़ें फिर आरती करें और माता का आशीर्वाद लें. दिन भर व्रत रखें. चाहें तो फलाहार ले लें, लेकिन सेंधा नमक का सेवन न करें. शाम को अपना व्रत खोलें. दूसरे दिन मंगला गौरी की प्रतिमा और पूजा के सामान को किसी नदी में विसर्जित करें. सुहाग का सामान बांट दें. ऐसा पांच साल तक सावन के हर मंगलवार को करें.


खबर इनपुट एजेंसी से

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.