Tuesday, May 13, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home लाइफस्टाइल

देश में कैसे भयावह होता जा रहा है HIV-AIDS, जानिए; कैसे बचा जाए?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
10/07/24
in लाइफस्टाइल
देश में कैसे भयावह होता जा रहा है HIV-AIDS, जानिए; कैसे बचा जाए?
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

नई दिल्ली : त्रिपुरा में HIV-AIDS के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हिला देने वाली खबर ये आई है कि यहां 800 से ज्यादा छात्र HIV पॉजिटिव मिले हैं. कइयों की तो मौत भी हो चुकी है.

त्रिपुरा की एड्स कंट्रोल सोसायटी के एक अधिकारी ने बताया कि हाल ही में 828 छात्र HIV से संक्रमित पाए गए जबकि, 47 छात्रों की एड्स से मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने बताया कि त्रिपुरा में हर दिन पांच से सात नए मरीज सामने आ रहे हैं. हालांकि, त्रिपुरा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा है कि जिन 828 मामलों और 47 मौतों का आंकड़ा दिया जा रहा है, वो अप्रैल 2007 से मई 2024 के बीच का है.

अधिकारी ने बताया कि अगर किसी HIV संक्रमित छात्र की इस्तेमाल की गई इंजेक्शन सुई को दूसरा छात्र लगा लेता है तो उसमें भी संक्रमण फैल जाता है. छात्रों में HIV फैलने का बड़ा कारण इंजेक्शन से नशीली दवाओं का सेवन ही है. त्रिपुरा के 220 स्कूलों और 24 कॉलेज-यूनिवर्सिटीज में HIV के ये मामले सामने आए हैं.

एड्स कंट्रोल सोसायटी के ज्वॉइंट डायरेक्टर सुभ्रजीत भट्टाचार्जी ने बताया कि जो छात्र HIV से संक्रमित हुए हैं, उनमें से ज्यादातर संपन्न परिवारों से आते हैं. इनके माता-पिता दोनों सरकारी नौकरी में हैं और वो अपने बच्चों की मांग पूरी करने में हिचकते नहीं हैं. जब तक माता-पिता को अहसास होता है कि उनके बच्चे को ड्रग्स की लत लग गई है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.

उन्होंने बताया कि एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर्स में मई 2024 तक कुल 8,729 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें HIV संक्रमितों की कुल संख्या 5,674 है, जिनमें 4,570 पुरुष और 1,103 महिलाएं हैं. संक्रमितों में एक ट्रांसजेंडर है.

इंजेक्शन से ड्रग्स की लत बना रही HIV मरीज

HIV का संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा असुरक्षित यौन संबंध से होता है. भारत में भी HIV संक्रमण का सबसे पहला मामला 1986 में सेक्स वर्कर्स में ही सामने आया था. इसके अलावा, HIV का संक्रमण इंजेक्शन से ड्रग्स लेने के कारण भी फैलता है.

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में करीब सवा करोड़ लोग ऐसे हैं जो इंजेक्शन से ड्रग्स लेते हैं. दुनिया के कई हिस्सों में इंजेक्शन से ड्रग्स लेने के कारण HIV के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि जो लोग इंजेक्शन से ड्रग्स लेते हैं, उनका HIV से संक्रमित होने का खतरा 22 गुना ज्यादा बढ़ जाता है.

अनुमान है कि भारत में दो लाख लोग इंजेक्शन से ड्रग्स लेते हैं. नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (NACO) की रिपोर्ट बताती है कि भारत में जितने HIV संक्रमित हैं, उनमें 6% से ज्यादा वो थे जो इंजेक्शन से ड्रग्स लेते थे. ये रिपोर्ट 2017 में आई थी. जाहिर है कि अब ये आंकड़ा और बढ़ गया होगा.

NACO के मुताबिक, भारत में इंजेक्शन से ड्रग्स की वजह से HIV के सबसे ज्यादा संक्रमित मिजोरम में हैं. मिजोरम में HIV के जितने संक्रमित थे, उनमें से लगभग 20% इंजेक्शन से ड्रग्स लेते थे. दूसरे नंबर पर दिल्ली है, जहां ऐसे संक्रमितों का आंकड़ा 16% से ज्यादा है.

2019 और 2020 में एक स्टडी हुई थी. ये स्टडी इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले 2,697 लोगों पर की गई थी. इस दौरान इनका HIV टेस्ट लिया गया, जिनमें 21.19% लोग पॉजिटिव मिले थे. ये बताता है कि इंजेक्शन से ड्रग्स के कारण कितनी तेजी से HIV फैल रहा है.

इस स्टडी में शामिल लोगों में से लगभग 99% ने हेरोइन लेने की बात मानी थी. इंजेक्शन से हेरोइन लेने वालों में से 21.3% HIV संक्रमित मिले थे. इतना ही नहीं, स्टडी में शामिल 54% से ज्यादा ने इंजेक्शन शेयर करने की बात कुबूल की थी. जो लोग ड्रग्स के लिए इंजेक्शन शेयर करते थे, उनमें से 24% से ज्यादा HIV पॉजिटिव आए थे.

कितना खतरनाक है HIV?

HIV यानी ह्यूमन इम्युनोडिफेशिएंसी वायरस. ये वायरस शरीर के इम्युन सिस्टम पर हमला करता है और उसे इतना कमजोर कर देता है कि शरीर दूसरा कोई संक्रमण या बीमारी झेलने के काबिल नहीं बचता.

HIV ऐसा वायरस है, जिसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो यही आगे चलकर AIDS  की बीमारी बन जाता है. इसका अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं है. लेकिन कुछ दवाओं के सहारे वायरल लोड को कम किया जा सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, HIV और AIDS की वजह से अब तक दुनियाभर में चार करोड़ से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. 2022 के आखिर तक दुनियाभर में करीब 4 करोड़ लोग HIV-AIDS से जूझ रहे थे. 2022 में ही दुनियाभर में इस बीमारी के कारण छह लाख से ज्यादा मौतें हुई थीं.

NACO के मुताबिक, 2023 तक भारत में 25 लाख से ज्यादा लोग HIV से संक्रमित थे. पिछले साल HIV-AIDS के 68,451 नए मामले सामने आए थे. जबकि, 35 हजार 866 लोग इस बीमारी से मारे गए थे.

HIV से AIDS तक… ऐसे फैलता है वायरस

असुरक्षित यौन संबंध बनाने और संक्रमित खून के संपर्क में आने से HIV का खतरा बढ़ जाता है. सही समय पर इसका इलाज शुरू कर देना बहुत जरूरी है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, HIV से संक्रमित होने पर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे- बुखार होना, गला खराब होना या कमजोरी आना. इसके बाद इस बीमारी में तब तक कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, जब तक AIDS न बन जाए. AIDS होने पर वजन घटना, बुखार आना या रात में पसीना आना, थकान-कमजोरी जैसे लक्षण दिखते हैं. आमतौर पर HIV के AIDS में तब्दील होने में तीन स्टेज लगती है.

पहली स्टेजः व्यक्ति के खून में HIV का संक्रमण फैल जाता है. इस समय व्यक्ति बहुत से और लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इस स्टेज में फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं. हालांकि, कई बार संक्रमित व्यक्ति को कोई लक्षण भी महसूस नहीं होते.

दूसरी स्टेजः ये वो स्टेज होती है जिसमें संक्रमित व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखता, लेकिन वायरस एक्टिव रहता है. कई बार 10 साल से भी ज्यादा वक्त गुजर जाता है, लेकिन व्यक्ति को दवा की जरूरत नहीं पड़ती. इस दौरान व्यक्ति संक्रमण फैला सकता है. आखिर में वायरल लोड बढ़ जाता है और व्यक्ति में लक्षण नजर आने लगते हैं.

तीसरी स्टेजः अगर HIV का पता लगते ही अगर दवा लेनी शुरू कर दी जाए तो इस स्टेज में पहुंचने की आशंका बेहद कम होती है. HIV का ये सबसे गंभीर स्टेज है, जिसमें व्यक्ति AIDS से पीड़ित हो जाता है. AIDS होने पर व्यक्ति में वायरल लोड बहुत ज्यादा हो जाता है और वो काफी संक्रामक हो जाता है. इस स्टेज में बिना इलाज कराए व्यक्ति का 3 साल जी पाना भी मुश्किल होता है.

कैसे बचा जाए?

HIV का संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा असुरक्षित यौन संबंध से होता है. भारत में भी HIV का पहला मामला सेक्स वर्कर्स में ही सामने आया था. इसलिए यौन संबंध बनाते समय प्रिकॉशन जरूर इस्तेमाल करें. इसके अलावा इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वालों से भी दूर रहना चाहिए.

अगर HIV का पता चल जाए तो घबराने की बजाय तुरंत एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी शुरू करें, क्योंकि HIV शरीर को बहुत कमजोर बना देता है और धीरे-धीरे दूसरी बीमारियां भी घेरने लगती हैं. अभी तक इसका इलाज भले ही नहीं है, लेकिन दवाओं के जरिए इससे बचा जा सकता है.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.