नई दिल्ली: ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इस पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी. इस कमेटी ने दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दिया है. कैबिनेट ने बुधवार को कमेटी की इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर विपक्ष के कई नेताओं ने कहा कि ये प्रैक्टिकल नहीं है. तो वहीं कुछ कुछ नेताओं ने इस पर अपना सकारात्मक स्टैंड लिया है.
कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद से कांग्रेस समेत कई पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश कि लोग इसे मानने वाले नही हैं. ये सिर्फ चुनाव के लिए मुद्दा बनाकर लोगों को डॉईवर्ट करते हैं. ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ प्रैक्टिकल नहीं है.
ओवैसी बोले ये लोकतंत्र से समझौता है
वहीं, इस पर ओवैसी ने कहा कि उन्होंने लगातार इसका विरोध किया है, क्योंकि ये देश के संघवाद को खत्म करता है और लोकतंत्र से समझौता करता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी और शाह को छोड़कर किसी के लिए भी कई चुनाव कोई समस्या नहीं हैं. वो ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनावों में भी उनको प्रचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लगातार और समय-समय पर चुनाव होने से लोकतांत्रिक जवाबदेही में भी सुधार होता है.
मायावती ने लिया पॉजिटव स्टैंड
इस मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए ‘एक देश एक चुनाव की व्यवस्था पर अपना पॉजिटव स्टैंड लिया है. उन्होंने लिखा देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज मंजूरी दी गई है. इसपर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना जरूरी.
एक देश, एक चुनाव की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी।