नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के लिए चुनाव आयोग ने चुनावों का ऐलान कर दिया है. उधर तैयारियां जोरों पर हैं, इधर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी बड़ा फैसला किया है. जम्मू संभाग के आठ जिलों में बढ़ते आतंकवाद से निपटने के लिए 19 विशेष आतंकवाद निरोधक इकाइयां स्थापित करने का फैसला किया है. ये इकाइयां पिर पंजाल पर्वत श्रृंखला और चेनाब घाटी के उन क्षेत्रों में तैनात की जाएंगी, जहां पहले शांति थी.
विशेष डीजीपी के रूप में प्रमुख नलिन प्रभात
असल में यह कदम तब उठाया गया है जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष डीजीपी के रूप में पूर्व एनएसजी प्रमुख नलिन प्रभात को नियुक्त किया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन इकाइयों का नेतृत्व डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे और इन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष ऑपरेशन ग्रुप की तर्ज पर तैयार किया गया है, जिसे 2000 के दशक में शांति लौटने के बाद जम्मू संभाग के कई इलाकों से हटा दिया गया था.
इकाइयां उन क्षेत्रों में तैनात रहेंगी जहां..
ये इकाइयां उन क्षेत्रों में तैनात रहेंगी, जहां आतंकवादियों की गतिविधियां देखी जा रही हैं. जैसे कि कठुआ जिले के मल्हार और बानी क्षेत्र, जहां 9 जुलाई को मचेडी के पास आतंकियों ने सेना के काफिले पर हमला किया था. इस हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे. एक इकाई रियासी जिले के पौनी-रंसू, माहोर, चासाना और गुलाबगढ़ क्षेत्रों में तैनात होगी. इसके अलावा बॉर्डर पूंछ जिले के बफ्लियाज़-बेहरामगल्ला, मंडी-लोरान और गुरसाई क्षेत्रों में भी इकाइयां तैनात की जाएंगी.
अपराधों को रोकने में सक्रिय भूमिका
9 जून को आतंकियों ने रंसू क्षेत्र में एक बस पर हमला किया था, जिसमें नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. बफ्लियाज़-बेहरामगल्ला क्षेत्र, जो मुगल रोड पर स्थित है, यहां भी कई बार सुरक्षा बलों पर हमले हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़, राजौरी और रामबन जिलों के कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में भी इन इकाइयों को तैनात किया जाएगा. ये इकाइयां न सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों में मदद करेंगी बल्कि सामान्य अपराधों को रोकने में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगी.