सनातन धर्म के मुताबिक भगवान कुबेर धन, वैभव और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार भगवान कुबेर को ‘यक्षों का राजा’ और ‘देवताओं का खजाना’ भी कहा जाता है। इन्हीं कारणों से दीपावली से पहले धनतेरस पर धन की देवी मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। सच्चे मन और लगन से पूजा करने पर भगवान कुबेर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक कुबेर मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की आर्थिक परेशानियां दूर हो सकती हैं और भक्तों का घर धन-धान्य से भरा हुआ रहता है। आइए विस्तार से जानते हैं कुबेर मंत्र के उपाय के बारे में-
कुबेर मंत्र के जाप का महत्व
शास्त्रों में भगवान कुबेर को धन का देवता कहा जाता है। मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा करने से जीवन भर व्यक्ति को किसी भी चीज की कमी नहीं होती है। जानकारों के मुताबिक कुबेर मंत्र का जाप करने से अपार धन और धन की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों के अनुसार कुबेर मंत्र का जाप करने से भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त होती है। इससे परिवार में धन, वैभव और सुख का वास होगा।
अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र जाप विधि
प्रातः स्नान करने के बाद पूजा स्थल तैयार करें। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गंगाजल छिड़कें। महालक्ष्मी और श्री कुबेर की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें। इसके बाद घी का दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाएं। फूल चढ़ाएं और मूर्ति पर लाल कुमकुम का तिलक लगाएं। इसके बाद दाहिने हाथ में 108 मनकों की माला लेकर जाप शुरू करें। इसके बाद मंत्र का जाप करें।
‘ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥’
मंत्र का जप करते समय इन बातों का रखें ध्यान
मंत्र जाप के बाद भगवान से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि सभी कष्ट दूर हो जाएं। परिवार को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाएं। इसके बाद परिवार सहित मां लक्ष्मी और श्री कुबेर की आरती करें। आरती के पश्चात भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी को भोग लगाएं और सपरिवार उन्हें दंडवत प्रणाम करें। इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद का वितरण करें।