नई दिल्ली: लोकसभा ने आज (मंगलवार) फाइनेंस बिल 2025 को पास कर दिया, जिसमें सरकार के 35 संशोधन शामिल हैं. इनमें सबसे बड़ा बदलाव यह है कि ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाला 6 फीसदी डिजिटल टैक्स अब खत्म हो गया है. इसके साथ ही, लोकसभा ने बजट प्रक्रिया का अपना हिस्सा पूरा कर लिया है. अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद 2025-26 का बजट पूरी तरह लागू हो जाएगा.
बजट 2025-26 में क्या है?
- कुल खर्च: 50.65 लाख करोड़ रुपये यह पिछले साल से 7.4 फीसदी ज्यादा है.
- कैपिटल एक्सपेंडिचर: 11.22 लाख करोड़ रुपये
- टैक्स कलेक्शन टारगेट: 42.70 लाख करोड़ रुपये
- कर्ज लेने की योजना: 14.01 लाख करोड़ रुपये
कहां जाएगा पैसा?
- केंद्रीय योजनाओं (सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम्स) के लिए: 5.41 लाख करोड़ रुपये. पिछले साल यह 4.15 लाख करोड़ था.
- केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए: 16.29 लाख करोड़ रुपये.
- राज्यों को ट्रांसफर: 25.01 लाख करोड़ रुपये. यह पिछले साल से 4.91 लाख करोड़ ज्यादा है.
क्यों बढ़ा खर्च?
- बाजार कर्ज पर ब्याज की अदायगी बढ़ी
- सेना के लिए ज्यादा फंड
- रोजगार योजनाओं के लिए अधिक प्रावधान
- फिस्कल डेफिसिट और GDP का अनुमान
- 2025-26 का फिस्कल डेफिसिट: 4.4 फीसदी (इस साल 4.8 फीसदी है)
- GDP अनुमान: 3,56,97,923 करोड़ रुपये (पिछले साल से 10.1 फीसदी की बढ़ोतरी)
आम आदमी के लिए क्या खास
- ऑनलाइन विज्ञापनों पर टैक्स हटने से डिजिटल मार्केटिंग सस्ती होगी.
- राज्यों को ज्यादा फंड मिलेगा, जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी.
- रोजगार योजनाओं पर फोकस से नौकरियों के नए मौके बढ़ सकते हैं.
अब देखना यह है कि राज्यसभा इस बिल को कब तक पास करती है और नया बजट कैसे लागू होता है. सरकार का दावा है कि यह बजट अर्थव्यवस्था को और मजबूती देगा, लेकिन विपक्ष इसे “चुनावी बजट” बता रहा है.