नई दिल्ली l मैं लंकाधिपति रावण…. रामानंद सागर के बहुचर्चित सीरियल ‘रामायण’ में लंकेश का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी नहीं रहे। वह 82 साल के थे। 90 के दशक में टीवी सेट पर जब उनकी आवाज गूंजती थी तो देखने वालों के भी रोंगटे खड़े हो जाते थे। इस सीरियल से अगर राम के रूप में अरुण गोविल को अमर पहचान मिली तो ऐक्टर अरविंद त्रिवेदी की रावण की भूमिका भी यादगार बन गई। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बीती रात उन्हें हार्ट अटैक आया और बचाया नहीं जा सका।
राम के भक्त थे ‘रावण’
टीवी स्क्रीन पर भले ही वह राम से युद्ध करते दिखाई दिए पर असल जीवन में अरविंद त्रिवेदी राम के परम भक्त थे। उन्होंने खुद बताया था कि सीरियल में जब वह राम के खिलाफ कड़े शब्दों का प्रयोग करते थे तो बाद में भगवान से माफी मांगते थे। पिछले साल कोरोना लॉकडाउन में जब टीवी पर रामायण सीरियल फिर से प्रसारित होने लगा तो टीवी चैनलों पर उनकी तस्वीरें भी सामने आईं। वह टीवी पर रामायण देखते दिखाई दिए।
जितनी बार भगवान राम की भूमिका में अरुण गोविल स्क्रीन पर दिखाई देते, अरविंद दोनों हाथों को जोड़ कर प्रणाम कर लेते। इस सदी में जन्मी पीढ़ी को शायद यह जानकर ताज्जुब हो कि उस समय टीवी के सामने बैठे लोग भी भगवान राम की भूमिका में अरुण गोविल को देख हाथ जोड़ लेते थे, पूजा होती थी और जयकारे लग जाते थे। पिछले साल मीडिया से बातचीत में परिवार के लोगों ने बताया था कि बुजुर्ग अरविंद त्रिवेदी का ज्यादातर समय भगवान की भक्ति में बीत रहा था।
300 हिंदी-गुजराती फिल्मों में काम
रावण के रोल में उनकी गर्जना भला कौन भूल सकता है। अगर ऐक्टिंग के लिहाज से देखें तो उन्होंने रावण की भूमिका में जान ला दी थी। बाद में रामायण पर जितने भी सीरियल बने, सबमें रावण के किरदार को अरविंद त्रिवेदी की तरह कॉपी करने की कोशिश की गई। उन्होंने करीब 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम किया।
खबर इनपुट एजेंसी से