तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Iran President Ebrahim Raisi) और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई. राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर 29 मई की देर शाम क्रैश हो गया था. वह अजरबैजान में एक डैम का उद्घाटन करने गए थे. लौटते वक्त दुर्घटना हुई.
कब और कैसे हुआ क्रैश?
ईरान (Iran) के सरकारी टीवी के मुताबिक राष्ट्रपति रईसी, अजरबैजान में किज कलासी और खोदाफरिन बांध का उद्घाटन करने गए थे. इसके बाद वह तबरेज शहर जा रहे थे, जो वहां से करीब 50 किलोमीटर दूर है. इसी बीच रास्ते में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जहां दुर्घटना हुई, वह पहाड़ी इलाका है. वहां बहुत ज्यादा धुंध और कोहरा था. विजिबिलिटी भी 5 मीटर से ज्यादा नहीं थी.
क्या किसी की साजिश?
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (President of Iran Ebrahim Raisi) के काफिले में कुल 3 हेलीकॉप्टर थे. दो हेलीकॉप्टर सही-सलामत पहुंच गए, लेकिन राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. ईरान में एक वर्ग इसके पीछे साजिश की आशंका जता रहा है. सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर बहस छिड़ गई है. अमेरिका के सीनेटर चक शूमर ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि उनकी खुफिया एजेंसियों से बातचीत हुई. अभी तक कहीं किसी साजिश की आशंका या इसका कोई सबूत नहीं मिला है. अमेरिकी विदेश विभाग ने भी कहा है कि वह घटना पर करीब से नजर बनाए हुए है.
ईरान की किससे दुश्मनी?
ईरान (Iran) की इजरायल से कट्टर दुश्मनी (Iran Israel War) है. यूं तो दोनों की दुश्मनी 50 साल से ज्यादा पुरानी है, लेकिन हाल के दिनों में इजराइल के गाजा पर हमले के बाद दोनों की तल्खी बढ़ गई. पिछले महीने ही ईरान ने इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन अटैक किया था. इसके बाद इजराइल ने बदला लेने की चेतावनी दी थी और जवाबी हमला भी किया था. तब से ही मिडिल ईस्ट में एक नई लड़ाई की आशंका जताई जा रही थी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मीडिल-ईस्ट मामलों के जानकार और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (VIF) के सीनियर फेलो हीरक ज्योति दास hindi.news18.com से बातचीत में कहते हैं कि रईसी अजरबैजान में डैम का उद्घाटन करने गए थे. अजरबैजान का इजराइल के साथ काफी इंटेलिजेंस कम्युनिकेशन है. दोनों एक दूसरे से इंटेलिजेंस शेयर करते रहते हैं. यहां यह जानना जरूरी है कि ईरान और अजरबैजान दोनों शिया मुल्क हैं, पर अजरबैजान बहुत हद तक सेक्युलर है. इसलिये इन दोनों देशों के बीच थोड़ी कड़वाहट भी है.
अजरबैजान की इजराइल से काफी मदद मिलती रही है. खासकर जब उसकी अर्मेनिया से लड़ाई हुई तो इजराइल उसके साथ खड़ा था. इजराइल का ईरान में जासूसी नेटवर्क है, उसमें अजरबैजान की बड़ी भूमिका है. इसलिये साजिश वाले एंगल से इनकार नहीं किया जा सकता है.
खराब मौसम के बाद वापस क्यों नहीं गए?
हीरक ज्योति दास कहते हैं कि जैसी खबरें मिल रही हैं, उसके मुताबिक मौसम बहुत खराब था. ऐसे में सवाल है कि इतने खराब मौसम के बावजूद पायलट ने आगे बढ़ने का फैसला क्यों किया? वापस क्यों नहीं लौटा? यह भी सवाल है कि और दोनों हेलीकॉप्टर सेफली कैसे लैंड हो गए. संभव है कि दुर्घटना खराब मौसम के चलते ही हुई हो, पर साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.
राष्ट्रपति की मौत, अब ईरान में क्या होगा?
ईरान के संविधान के अनुच्छेद 131 में कहा गया है कि अगर पद पर रहते राष्ट्रपति की मौत हो जाती है या उन्हें किसी कारण से हटाना पड़ता है, तो ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति चुनाव होने तक प्रेसिडेंट बनेंगे. नए राष्ट्रपति का चुनाव 50 दिनों के अंदर कराना होता है. ऐसे में अब रईसी की मौत के बाद उप-राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर प्रेसिडेंट बन सकते हैं.
अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में एक से ज्यादा वाइस प्रेसिडेंट हैं. उनका चुनाव नहीं होता, बल्कि सीधे चुना जाता है. कई वाइस प्रेसिडेंट कैबिनेट मेंबर की तरह काम करते हैं. लेकिन मोहम्मद मोखबर इनमें ऐसे हैं, जो सबसे सीनियर हैं. वह फर्स्ट वाइस प्रेसिडेंट हैं. इस नाते प्रेसिडेंट की कुर्सी पर उनका अधिकार बनता है. साल 2021 में जब रईसी राष्ट्रपति बने तो उन्होंने सबसे पहले मोखबर को वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया था.