Monday, May 12, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home बिहार

जानें-अशोक मंदिर का इतिहास, जहां पूजा करेंगे अमित शाह

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
29/06/23
in बिहार, राष्ट्रीय
जानें-अशोक मंदिर का इतिहास, जहां पूजा करेंगे अमित शाह
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

लखीसराय. बिहार के लखीसराय का अशोक मंदिर एक बार फिर से चर्चा में है. गृहमंत्री अमित शाह यहां पूजा करने के लिए आ रहे हैं. ऐसे में प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की तरफ से सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. यहां पर पुलिस सुरक्षा भी बढ़ाई गई है. बताया जाता है कि यह मंदिर 8वीं सदी में बनाया गया था. लेकिन 56 साल पहले ही इसकी खोज हुई थी.

जानकारी के अनुसार, मंदिर को पूरी तरह से सजाया गया है और आसपास सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को बिहार के लखीसराय में एक राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. फिर बाद में मंदिर में पूजा करेंगे. बता दें कि लखीसराय के इस अशोक मंदिर को बिहार का देवघर भे कहा जाता है.

कैसे मिला था यह मंदिर

बताया जाता है कि 7 अप्रैल 1977 को जब एक चरवाहा यहां गाय चरा रहा तो उसे यहां पर एक शिवलिंग मिला था. अशोक नाम के चरवाहे ने जमीन के नीचे इस विशालकाय शिवलिंग की खोज की थी. बताते हैं कि अशोक रोजाना यहां रोज गाय चराने आता था. एक दिन जब वह वहां गिल्ली-डंडा खेल रहा था तो गिल्ली की तलाश करते हुए वह शिवलिंग तक पहुंचा. यह शिवलिंग धरती के अंदर था. बाद में जब शिवलिंग की जानकारी मिली तो यहां पर मंदिर का निर्माण करवाया गया.

क्योंकि, अशोक ने इस शिवलिंग की खोज की थी, इसलिए मंदिर का नाम अशोक धाम पड़ गया. जगन्नाथपुरी शंकराचार्य ने 11 फरवरी 1993 को मंदिर परिसर का पुनर्निर्माण के बाद उद्घाटन किया था. हर साल शिवरात्रि और सावन महीने में यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

मुगलों ने गिरा दिया था मंदिर

माना जाता है कि 8वीं शताब्दी में यहां पर शिवलिंग की स्थापना की गई थी और पाल वंश के छठे सम्राट नारायण पाल ने आठवीं शताब्दी में शिवलिंग की नियमित पूजा शुरू की थी. मान्यता है कि 12वीं शताब्दी में राजा इंद्रद्युम्न ने इस स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया था. लखीसराय की लाल पहाड़ी पर उनका राज महल हुआ करता था और यहीं से एक सुरंग बनवाई गई, जो सीधे मंदिर में निकलती थी. दावा है कि मुगल काल में मंदिर को तोड़ दिया गया था. बाद में 7 अप्रैल 1977 को अशोक ने शिवलिंग की खोज की थी.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.