रुद्रप्रयाग में उत्तराखण्ड स्वाभिमान मोर्चा की चिंतन बैठक
रुद्रप्रयाग। उत्तराखण्ड की जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए सशक्त भू-कानून और मूल निवास को लागू किया जाना जरूरी है। आज प्रदेश के भीतर अराजकता का माहौल पैदा हो गया है। छोटे से लेकर बड़े कार्यों में बाहरी कंपनियों को काम मिल रहा है, जबकि स्थानीय लोगों को रोजगार से वंचित किया जा रहा है।
आम जनता सरकार की भ्रष्ट नीतियों से खासी परेशान हो गई है। एलयूसीसी कॉपरेटिव सोसायटी ने पहाड़ की भोली-भाली जनता को ठगने का काम किया गया है। ऐसे में प्रदेश में एक सशक्त विकल्प बनाने को लेकर आम जनता को एकजुट किया जा रहा है, जिससे प्रदेश को राजनीतिक संकट से बचाया जा सके। यह बात स्वाभिमान मोर्चा की आहूत चिंतन बैठक में मूल निवास-भू-कानून के संयोजक एवं मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी ने कही।
बुधवार को उत्तराखण्ड स्वाभिमान मोर्चा की टीम रुद्रप्रयाग पहुंची, जहां पहले से मौजूद सैकड़ों लोगांं ने मोर्चा का स्वागत किया। मोर्चा की टीम पहले स्थानीय लोगों के साथ तहसील परिसर पहुंची, जहां उन्होंने एलयूसीसी कॉपरेटिव सोसायटी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार से कार्यवाही की मांग की।
इसके बाद मोर्चा के सभी पदाधिकारी और समर्थक रुद्रप्रयाग नये बस अड्डे पहुंचे, जहां स्थित एक वेडिंग हॉल में आयोजित चिंतन बैठक को संबोधित करते हुए मूल निवास-भू-कानून के संयोजक एवं मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी ने कहा कि आज के समय में पहाड़ के जल, जंगल और जमीन की अस्मिता को बचाने को लेकर लड़ाई लड़ी जा रही है।
पहाड़ की माताओं और बहिनों ने उत्तराखण्ड राज्य को बनाने के लिए अपनी जान तक दे दी और आज कांग्रेस और भाजपा ने बारी-बारी से पूरे प्रदेश को ही लूट लिया। साथ ही बाहरी लोगों का भी कब्जा यहां करवा दिया। उन्होंने कहा कि सशक्त भू-कानून और मूल निवास की लड़ाई को लेकर युवा सड़कों में उतर चुके हैं। प्रदेश के 11 जनपदों में चिंतन बैठक का आयोजन कर गोष्ठियां की जा रही है।
इस मुद्दे के साथ ही स्थानीय मुद्दों को लेकर भी लोगों से सुझाव लिए जा रहा हैं। जल्द ही प्रदेश के भीतर एक बड़ा आंदोलन होने जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में एक सशक्त विकल्प बनाने के लिए आम जनता को एकजुट करने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रदेश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। हमें उत्तराखंड को बचाने के लिए सबको मिलकर आगे बढ़ना होगा। इसी उद्देश्य से चिंतन गोष्ठी की जा रही है।
कार्यक्रम में मोर्चा के अध्यक्ष बॉवी पंवार ने कहा कि उत्तराखंड को बचाने के लिए एकजुट होने की जरूरत है। यहां के अधिकार यहां के लोगों को मिले, इसके लिए बड़े संघर्ष की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी जिला मुख्यालयों पर यह कार्यक्रम हो रहा है। भविष्य में इसे ब्लॉक मुख्यालय के साथ ही गांव-गांव में आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमने निकाय चुनाव में कई लोगों को समर्थन दिया है, जिन्होंने सफलता की नई कहानी लिखी है। इसी तरह का मॉडल प्रदेश में स्थापित करना है। कहा कि हम जनता के सुझाव लेकर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। यूकेड़ी सहित कई अन्य संगठनों के सामने एक जुट होने का प्रस्ताव रखते हुए एक सशक्त विकल्प बनाने पर जोर दिया जाएगा, ताकि एक मंच के नीचे आकर प्रदेश को बचाया जा सके। कहा कि स्वाभिमान मोर्चा सबको एक साथ करने का मंच है। भविष्य में एक सशक्त विकल्प बनाकर राजनीतिक लड़ाई लड़ी जाएगी।
इस मौके पर केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव में प्रत्याशी रहे त्रिभुवन चौहान ने कहा कि अब बदलाव का समय आ गया है। यात्रा के नाम पर स्थानीय लोगों के वजाय बाहरी लोगों के हाथ रोजगार दिया जा रहा है। उसके खिलाफ आवाज उठाने का समय आ गया है। हाल ही में ऋषिकेश मेयर का चुनाव लड़े दिनेश चन्द्र मास्टर जी ने कहा कि अपने हक हकूकों को बचाने का वक्त आ गया है। अब नहीं जागे, तो कभी नहीं जागेंगे।
सब युवा एकसाथ मिलकर प्रदेश को बचाने की लड़ाई में शामिल हों। नगर पालिका अध्यक्ष संतोष रावत ने सभी का आभार जताया। साथ ही कार्यक्रम की सफलता के लिए आम जनता से सहयोग मांगा। इस मौके पर युवा नेता लूसुन टोडरिया, कार्यक्रम संयोजक ईश्वर सिंह, सभासद नमन शर्मा, रमेश टम्टा, जसपाल भारती आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पंकज भारती ने किया।