नई दिल्ली : दिल्ली में शराब नीति को लेकर उठा विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से लेकर उपराज्यपाल और बीजेपी तीनों ही इस विवाद में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटे हैं। खास बात तौर पर केजरीवाल सरकार और LG वीके सक्सेना के बीच खींचतान जारी है। शनिवार को इस मामले में दो बड़े एक्शन देखने को मिले। एक तरफ दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शराब नीति बनाने में एलजी की इजाजत का हवाला दिया तो वहीं एलजी ने तात्कालीन एक्साइज कमिश्नर समेत 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्णा समेत 11 अधिकारियों को आबकारी नीति को लागू करने में चूक करने पर सस्पेंड कर दिया है। एलजी वीके सक्सेना ने शनिवार को एक्शन लेते हुए अरवा गोपी कृष्ण और तत्कालीन उपायुक्त आनंद कुमार तिवारी के खिलाफ निलंबन और अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के निर्देश भी दिए हैं।
इतना ही नहीं आबकारी विभाग के 9 अन्य अधिकारियों के खिलाफ निलंबन के आदेश दिए हैं। इसे शराब को लेकर मचे संग्राम के बीच बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है।
एलजी ने निलंबन की ये बताई वजह
11 अधिकारियों को निलंबन को लेकर एलजी ने बताया कि, यह आदेश संबंधित अधिकारियों की ओर से आबकारी नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक की वजह से लिया गया है। इसमें टेंडर देने में अनियमितताएं पाए जाने और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट टेंडर लाभ देना शामिल है।
मनीष सिसोदिया ने क्या कहा था?
इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल की दो बार इजाजत लिए जाने के बाद ही शराब नीति बनाए जाने की बात कही थी। उन्होंने ये भी कहा था कि, एलजी ने अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने पर अपना रुख अचानक बदला जिससे सारी गड़बड़़ी हुई और कई जगह दुकानें खुल नहीं पाई।