देहरादून: बारिश अब उत्तराखंड के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है। इतना ही नहीं, बारिश के कारण देव भूमि उत्तराखंड में भी हिमाचल की तरह बड़े खतरे की आशंका पैदा हो गई है। भारी बारिश के कारण उफनी गंगा से ऋषिकेश में स्थित प्रसिद्ध राम झुला का तार टूट गया है। इसके कारण पुल पर लोगों और दोपहिया वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। अधिकारी स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं।
प्रशासन ने उठाया कदम
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि तीर्थ नगरी ऋषिकेश में गंगा के उफान के कारण राम झूला का एक तार टूट गया है। इसके बाद पौड़ी पुलिस प्रशासन ने लोगों और दोपहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दिया है।
उफान पर है गंगा नदी
पहाड़ों पर भारी से भारी बारिश के कारण ऋषिकेश में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। गंगा नदी अपने पूरे उफान के साथ खतरे के निशान को पार कर चुकी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले सोमवार को राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था। इसके साथ ही ऋषिकेश में गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर की भी समीक्षा की गई थी।
14 अगस्त को बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, सोमवार (14 अगस्त) सुबह 24 घंटे में ऋषिकेश में देशभर में सबसे अधिक बारिश 42 सेंटी मीटर दर्ज की गई। गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण धार्मिक शहर के परमार्थ निकेतन आश्रम के पास भगवान शिव की मूर्ति आंशिक रूप से डूब गई थी। इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
अब तक 52 की मौत, कई घायल
एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आधिकारिक अनुमान को मानें तो इस बार मानसून के सीजन में राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण 52 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 घायल हैं। सीएम पुष्कर धामी के निर्देश पर प्रभावित और संभावित स्थानों पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को तैनात किया गया है।