शिमला : हिमाचल प्रदेश में पहली अप्रैल से जाम छलकाने वालों को बड़ा झटका लगने वाला है। प्रदेश में पहली अप्रैल से शराब की कीमतें बढ़ जाएंगी। प्रति बोतल उपभोक्ताओं को 17 रुपये सेस चुकाना पड़ेगा। राज्य सरकार ने राजस्व अर्जित करने के तहत यह फैसला लिया है। कर एवं आबकारी विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। हिमाचल में पहले प्रति बोतल 7 रुपये का सेस चुकाना पड़ता था। इस बार सरकार ने मल्कि सेस के नाम पर दस रुपये अतिरक्ति सेस लगा दिया है।
अंग्रेजी एवं देसी शराब, बीयर, वाइन और विदेशी शराब पर मल्कि सेस लगाया गया है। इसके अलावा गोधन विकास निधि के लिए प्रति बोतल 2.50 रुपये सेस लगेगा। प्रदेश में कोरोना संकट के समय सरकार ने इस सेस का नाम बदलकर कोविड सेस कर दिया था। अब कोविड सेस को बंद कर इसका नाम काऊ सेस कर दिया गया है। प्रति बोतल 1.50 रुपये का सेस कर एवं आबकारी विकास फंड के नाम पर लिया जाएगा। दो रुपये प्रति बोतल सेस पंचायतीराज संस्थाओं को जाएगा।
एक रुपया सेस स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस सेवाओं के लिए मिलेगा। उपभोक्ताओं को वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान शराब और बीयर की प्रति बोतल पर 17 रुपये का सेस चुकाना होगा। प्रदेश में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शराब ठेकों की नीलामी 15 से 20 फीसदी अधिक दाम पर होगी। वर्ष 2017-18 से प्रदेश में शराब के ठेकों का दस फीसदी शुल्क बढ़ाकर नवीनीकरण किया जाता रहा है। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस साल ठेकों की नीलामी करने का फैसला लिया है।
ठेकों की नीलामी से सरकार ने 2,500 करोड़ के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है। इससे तय है कि सूबे में शराब की कीमतों में पहली अप्रैल से बढ़ोतरी होगी। सनद रहे हाल ही में सरकार ने नई आबकारी नीति जारी की थी। इसमें सरकार ने कहा था कि नई आबकारी नीति का मकसद सरकार के राजस्व में बढोतरी करना और शराब की कीमतों में कमी लाने के साथ ही तस्करी पर लगाम लगाना है। सरकार ने होटलों में मिनी बार खोलने की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया था।