आनंद अकेला की रिपोर्ट
भोपाल। लाकडाउन के बाद से प्रदेश में बंद शराब की दुकानें अभी तक नहीं खुल पाई हैं। हालांकि सरकार ने शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति पहले ही दे दी है पर शराब के ठेकेदार अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। शराब के ठेकेदारों का कहना है कि जब तक सरकार उनके पक्ष की बात नहीं सुनेगी तब तक प्रदेश में कोई भी शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी। प्रदेश सरकार ने शराब के ठेकेदारों को मनाने के लिए काफी प्रयास किया पर वो अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। शराब के ठेकेदारों को मनाने के लिए अब प्रदेश की शिवराज सरकार ने एक नया प्रस्ताव दिया है। जिस पर शराब के ठेकेदार सहमत होते दिख रहे हैं। और जल्द ही प्रदेश में शराब की दुकानें खुलनी शुरू हो जाएंगी।
देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब शराब के ठेकेदार शराब की दुकानें बंद रखे हुए हैं और सरकार उसे खुलवाने के पूरे प्रयास में जुटी हुई है। सरकार को इस बात की परेशानी है कि आखिर शराब की दुकानें क्यों नहीं खोली जा रही है। हो भी क्यों न आखिर सारा मामला राजस्व को लेकर हैं। गौरतलब है कि शराब से मध्य प्रदेश की सरकार को एक बड़े हिस्से के राजस्व की आय होती है। यही कारण है कि अब सरकार परेशान है कि आखिरकार कैसे शराब ठेकेदार दुकानों को जल्द से जल्द खोलें। लेकिन शराब के ठेकेदारों का कहना है कि मार्च और अप्रैल में बंद रही दुकानों के चलते उन्हें जो हानि उठानी पड़ रही है उसकी पूर्ति सरकार करें नहीं तो दुकानें नहीं खुलेंगी।
प्रदेश सरकार की ओर से ठेकेदारों को मनाने की कोशिशें लगातार जारी है। अब एक नए प्रस्ताव में सरकार ने शराब ठेकेदारों को यह आश्वासन दिया है उनके दो माह के घाटे की पूर्ति के लिए उन्हें अगले वर्ष अप्रैल और मई में भी शराब की दुकानें चलाने की अनुमति दी जाएगी। जबकि वर्तमान में अनुमति केवल वित्तीय वर्ष 2020-21 यानी मार्च 2021 तक के लिए है। हालांकि इसके लिए शराब ठेकेदारों को दस माह की ड्यूटी देनी होगी। अब शराब ठेकेदार इस बात के लिए तो राजी हो गए हैं लेकिन अभी भी उन्होंने हाईकोर्ट में जो मामला लगा रखा है उसके निर्णय का उन्हें इंतजार है जिसमें उन्होंने सरकार से होने वाले घाटे की पूर्ति की मांग की है। अब इस बात की उम्मीद बन गई है कि शराब ठेकेदार जल्द दुकान खोल देंगे और सरकार के साथ-साथ सुरा प्रेमियों की आशा भी पूरी हो सकेंगी।