देहरादून. शराब खपत के मामले में टॉप स्टेट में शुमार उत्तराखंड अब शराब कारोबारियों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है. न सरकार को फायदा हो रहा है और न ही बिजनेस से जुड़े लोगों को. यहां तक कि कई दुकानों में हालात ऐसे हैं कि शराब में ऑफर्स देकर स्टॉक खाली करना पड़ रहा. तो वहीं कुछ कारोबारी ओवररेटिंग पर उतारू है.
लिकर बिजनेस में मंदी इस कदर है कि कई दुकानदार करोड़ों का नुकसान झेल रहे है. कुछ अपने लाइसेंस सरेंडर कर चुके है तो कुछ बिजनेस समेट कर किसी दूसरे काम मे हाथ आजमा रहे है. कुछ 30 से 50 पेरसेंट्स के ऑफर्स देकर स्टॉक खाली करते भी नजर आ रहे है. बिजनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि जब राजस्व सरकार को देना है और बिक्री कम है तो ओवर रेटिंग की नौबत भी आ जाती है. वहीं पड़ोसी राज्यों के मुक़ाबले उत्तराखण्ड में शराब महंगी है, जिससे लोग शराब दिल्ली, हरियाणा से ही लाना प्रेफर कर रहे हैं.
अधिकारियों ने कोरोना को बताया वजह
वहीं अधिकारियों का कहना है कि कोविड के बाद से यह स्थिति आई है, सरकार अपना राजस्व लेगी ही, जबकि दुकानदार की बिक्री कम होने से उसे आर्थिक संकट हो रहा है. आबकारी अधिकारी राजीव कुमार का कहना है कि कोरोना काल के बाद ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. कारोबारियों को लाइसेंस सरेंडर नहीं करना चाहिए। धीरे-धीरे स्थिति सुधरेगी. अब भले ही शराब कारोबार में घाटे की वजह कोविड हो या फिर कोई और, लेकिन इतना जरूर है कि जिस शराब के बिजनेस के लिए लोगों की मारामारी रहती थी, उसमें हाथ डालने से लोग बचने लगे है.