नई दिल्ली : स्मार्टफोन्स में सेव पर्सनल जानकारी किसी और के हाथ ना लगे, इसके लिए उसे लॉक करना बेहद जरूरी होता है। ऐसा करने के लिए पासवर्ड, पिन या फिर बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन जैसे कई विकल्प मिलते हैं। ज्यादातर नए स्मार्टफोन्स फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ आते हैं और फिंगरप्रिंट रखने भर से फोन अनलॉक किया जा सकता है। क्या आप जानते हैं कि फिंगरप्रिंट लॉक का इस्तेमाल सबसे सुरक्षित तरीका नहीं है, खुद गूगल भी मानती है कि पिन, पैटर्न या फिर पासवर्ड के मुकाबले फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल सेफ नहीं है।
अगर फिंगरप्रिंट स्कैनर्स का इस्तेमाल फोन लॉक या अनलॉक करने के लिए सुरक्षित नहीं है तो स्मार्टफोन्स बनाने वाली कंपनियां यह विकल्प क्यों देती हैं, आप जरूर सोच रहे होंगे। दरअसल, फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन के जरिए फोन अनलॉक करना आसान हो जाता है और अन्य विकल्पों के मुकाबले जल्दी से डिवाइस अनलॉक किया जा सकता है। गूगल खुद ऐसा क्यों कह रही है कि फिंगरप्रिंट के मुकाबले पासवर्ड या पिन जैसे विकल्पों का इस्तेमाल बेहतर है, आइए समझते हैं।
फिंगरप्रिंट की कॉपी से खुल जाएगा फोन
स्मार्टफोन्स में मिलने वाला इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर या फिर रियर, साइड माउंटेड सेंसर स्टैंडर्ड बायोमेट्रिक सिस्टम्स जितना एडवांस्ड नहीं होता है। जाहिर सी बात है कि फोन में बेसिक ऑथेंटिकेशन से काम चलाना पड़ता है और इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी से लिए ज्यादा जगह नहीं होती। ऐसे में फिंगरप्रिंट की कॉपी की मदद से भी फोन अनलॉक किया जा सकता है। बाकी चीजों के अलावा यूजर्स के खुद के फोन पर उनके फिंगरप्रिंट्स होते हैं, जिन्हें जरा सा जुगाड़ करते हुए कॉपी किया जा सकता है।
अपना फिंगरप्रिंट नहीं बदल सकते हैं आप
सुनकर बेहद अजीब लगेगा लेकिन आप फिंगरप्रिंट नहीं बदल सकते। उदाहरण के लिए, अगर कभी आपका पैटर्न, पिन या फिर पासवर्ड लीक हो जाता है तो आप नया पिन, पैटर्न या फिर पासवर्ड सेट कर सकते हैं। फिंगरप्रिंट पर यह बात लागू नहीं होती और एक बार फिंगरप्रिंट लीक होने और उसके गलत इस्तेमाल की स्थिति में आप फिंगरप्रिंट नहीं बदल सकते। इसी तरह अगर किसी को आपका फिंगरप्रिंट पता चल गया तो आपका फोन अनलॉक होना तय है।
नींद या बेहोशी की हालत में भी सुरक्षा नहीं
अगर कोई फिंगरप्रिंट की मदद से लॉक आपका डिवाइस अनलॉक करना चाहे तो आपके सोते वक्त नींद की हालत में या फिर बेहोशी की स्थिति में भी फोन अनलॉक किया जा सकेगा। आसान भाषा में समझें तो फिंगरप्रिंट की मदद से लॉक किए गए फोन को जबरदस्ती अनलॉक किया जा सकता है और इसके लिए आपको मुंह खोलने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। पिन, पैटर्न या पासवर्ड आपके दिमाग में सुरक्षित रहता है लेकिन यह बात फिंगरप्रिंट पर लागू नहीं होती। आप नहीं चाहेंगे कि जबरदस्ती या चुपके से कोई आपका फोन अनलॉक कर दे।