नई दिल्ली: एकादशी का व्रत श्री हरि विष्णु (Vishnu Ji) भगवान के विए रखा जाता है. विष्णु जी को समर्पित एकादशी (Ekadashi 2024) का व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है. हिंदू वर्ष में 12 महीने होते हैं जिसमें हर माह में कुल 2 एकादशी पड़ती है. हर माह की एकादशी का अपना अलग महत्व होता है.
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2024) का व्रत आषाढ़ माह (Ashadh Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है. इस एकादशी के दिन से भगवान विष्णु (Vishnu Ji) चार माह के लिए क्षीर सागर में आराम के लिए चले जाते हैं. इसके चार माह के बाद यानि कार्तिक मास (Kartik Maas) की देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi 2024) के दिन विष्णु जी निद्रा से जागते हैं, इस दिन के बाद से शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं.
देवशयनी एकादशी 2024 तिथि
- साल 2024 में देवशयनी एकादशी 17 जुलाई, 2024 बुधवार के दिन पड़ेगी.
- एकादशी तिथि 16 जुलाई, 2024 मंगलवार के दिन रात 8.33 मिनट पर लग जाएगी
- एकादशी तिथि 17 जुलाई, 2024 बुधवार के दिन रात 9.02 मिनट पर समाप्त होगी
- इस कारण देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई, 2024 को रखा जाएगा.
- वहीं व्रत का पारण 18 जुलाई, गुरुवार को किया जाएगा.
देवशयनी एकादशी 2024 महत्व
देवशयनी एकादशी के दिन से विष्णु जी का शयनकाल प्रारम्भ हो जाता है, इसीलिए इस एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं. इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.
देवशयनी एकादशी प्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा के बाद आती है. इस अवधि को चतुर्मास के नाम से भी जाना जाता है.देवशयनी एकादशी को पद्मा एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
साल 2024 में 17 जुलाई से चातुर्मास का आरंभ हो जाएगा. इस दिन से अगल 118 दिन तक विष्णु भगवान शयन करेंगे. इसके बाद देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास समाप्त होगा.
देवशयनी एकादशी 2024 पूजा विधि
- इस दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें.
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित करें.
- विष्णु जी को अक्षत, चंदन, तुलसी अर्पित करें.
- विष्णु जी को पीले रंग के फूल प्रिय हैं, अर्पित करें.
- पूरी विधि से पूजा करने के बाद कथा और पाठ, आरती करें और विष्णु जी को उनका प्रिय भोग लगाएं.