प्रयागराज: प्रयागराज में अगले साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन होना है। इसे लेकर तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई है। इस बीच अखाड़ों ने महाकुंभ स्नान को लेकर एक बड़ा बदलाव किए हैं। अब महाकुंभ में शाही स्नान नहीं होगा। महाकुंभ स्नान को लेकर 8 अखाड़ों के संतों ने मिलकर स्नान को सुरक्षित बनाने के लिए कुछ अहम फैसले लिए है। इसके तहत अब महाकुंभ में शाही स्नान की जगह राजसी स्नान होगा।
अगले साल की शुरुआत में संगम नगरी में महाकुंभ का आयोजन होगा। महाकुंभ के आयोजन से पहले शाही स्नान के नाम बदलने की मांग हो रही थी। कई संतों के इसके नाम बदलने की मांग की थी। उनका कहना था कि शाही स्नान का नाम बदलकर सनातन धर्म से जुड़ा कोई नया नाम रखना चाहिए। अब 8 अखाड़ों के संतों ने शाही स्नान का नाम बदलने का फैसला लिया। संतों ने शाही स्नान का नाम बदलकर राजसी स्नान करने का फैसला लिया है।
अखाड़ों के संतों ने बदला शाही स्नान का नाम
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की अध्यक्षता में प्रयागराज में निरंजनी अखाड़ा दारागंज के मुख्यालय में रविवार को अहम बैठक हुई। इस दौरान परिषद के महामंत्री हरि गिरी महाराज के साथ 8 अखाड़ों के संत भी मौजूद रहे। बैठक में शाही स्नान के नाम बदलने के फैसले पर मुहर लगी। इसके साथ ही स्नान को सुरक्षित बनाने के लिए कुछ अहम फैसले लिए गए।
महाकुंभ में अब आधार कार्ड देख मिलेगी एंट्री!
देश-विदेश से महाकुंभ में आने वाले लोगों को लिए आधार कार्ड लाना जरूरी होगा। इस बार कुंभ में शामिल होने वाले संतों को भी आईडी कार्ड दिए जाएंगे। अखाड़ों की ओर से मांग की गई की गैर सनातनी अधिकारियों को महाकुंभ मेले में ड्यूटी पर ना लगाया जाए। मेला क्षेत्र और आसपास मांस-मंदिरा की बिक्री ना हो। महाकुंभ में जो भी स्नान करने आए उसके पास आधार कार्ड हो।
CM योगी ले सकते हैं बड़ा फैसला
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि कई देशों में इन दिनों में युद्ध जैसे हालात है। ऐसे में यहां आने वाले हर व्यक्ति की जांच बहुत जरूरी है। सभी के पास आधार कार्ड और पहचान पत्र होना जरूरी है। अगर कोई संदिग्ध या सनातन विरोधी हो तो उसे मेले से बाहर निकाल देना चाहिए। हमने शाही स्नान का नाम बदल दिया है और अब आईडी कार्ड का निर्णय CM योगी को लेना है।