अजय पाठक
राष्ट्रीय अध्यक्ष
राष्ट्रीय असंगठित कामगार संघ
- लॉकडाउन से दिहाड़ी यक्ष मजदूर बेहाल l
- पुना शहर में हमारी संस्था रोज कर रही है एक हजार मजदूरों का भोजन का इंतजाम l
कोरोना वायरस महामारी को मात देने के लिए लोगों का घरों में रहना जारी है. इसलिए देश में जगह-जगह लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है, लेकिन इसी के साथ दिहाड़ी मजदूरों को दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है. ये मजदूर अपने मूल स्थानों को भी लौट नहीं सकते, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से यात्रा का कोई साधन उपलब्ध नहीं है. पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा के बाहर 50 से 60 दिहाड़ी मजदूरों को देखा गया जो इसी इंतजार में थे कि दानी लोग या एजेंसियां उनकी सुध लेने आएंगी.
सामाजिक संस्थाओं या प्रशासन पर टिकी उम्मीद
दिहाड़ी मजदूरों के लिए न तो खाने का कोई इंतजाम है और न सिर छुपाने को. इन्होंने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि जिसके लिए काम करते थे उसने कमरे खाली करने के लिए कह दिया. अब फुटपाथ पर इसी उम्मीद से पूरा दिन काट रहे हैं कि कोई उन्हें खाना देने आएगा या प्रशासन उन्हें कोई शेल्टर उपलब्ध कराएगा.
घरों से लोगों के नहीं निकलने की वजह से इन दिहाड़ी मजदूरों की सारी उम्मीद सामाजिक संस्थाओं या प्रशासन पर टिकी हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में देश में सबसे अधिक कोरोना वायरस पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इसलिए यहां लॉकडाउन समेत कई पाबंदियों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा हैं l