महाराष्ट्र में शिवसेना में पड़ी दरार बढ़ती ही जा रही है. उद्धव गुट और शिंदे गुट अब शिवसेना पर अपना-अपना दावा ठोक रहे हैं. उद्धव द्वारा बुलाई गई शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों की बगावत को लेकर पार्टी में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच छह प्रस्ताव पारित किए. उद्धव ठाकरे गुट ने शिंदे खेमे को उनके पिता और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी है.
अब बाला साहेब के नाम पर लड़ाई
शिवसेना ने यह भी कहा है कि बागी विधायकों और बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उद्धव ठाकरे को बागियों के खिलाफ कार्रवाई सहित पार्टी से संबंधित सभी फैसले लेने के लिए अधिकृत किया.
शिवसेना की बैठक के 6 प्रस्ताव
- शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा का पालन करेगी.
- उद्धव ठाकरे पार्टी के सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं.
- शिवसेना सभी चुनाव उद्धव के नाम पर लड़ेगी.
- बागी विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
- शिवसेना अखंड महाराष्ट्र की विचारधारा से समझौता नहीं करेगी.
- दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल करने का अधिकार किसी को नहीं होगा.
बागियों को उद्धव की दो टूक
बैठक के दौरान ठाकरे ने कहा कि बागी जो चाहें कर सकते हैं और वह उनके मामले में दखल नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि वे अपना फैसला खुद ले सकते हैं, लेकिन किसी को भी बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
संजय राउत ने क्या कहा?
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने बागी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि आप किसी नाम का इस्तेमाल करके वोट मांगना चाहते हैं, तो अपने पिता के नाम का इस्तेमाल करें, शिवसेना के पिता के नाम का इस्तेमाल न करें. उन्होंने कहा कि लोगों को पता चल जाएगा कि शाम तक पार्टी छोड़ने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी. सीएम उद्धव ठाकरे ने जो काम किया है वह काबिले तारीफ है. हम सभी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे.
शिंदे गुट का पलटवार
एकनाथ शिंदे गुट द्वारा प्रवक्ता नियुक्त किए गए शिवसेना विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हमने शिवसेना नहीं छोड़ी है, हम शिवसेना के ही सदस्य हैं और हम असली शिवसेना हैं. उन्होंने कहा कि उनके खेमे के पास दो-तिहाई बहुमत है और एकनाथ शिंदे उनके नेता हैं. किसी अन्य पार्टी के साथ विलय से इंकार करते हुए केसरकर ने कहा कि उनका गुट अलग मान्यता की मांग करता है. उन्होंने कहा कि अगर उनके गुट को मान्यता नहीं मिली तो वे अदालत जाएंगे और अपने अस्तित्व और संख्या को साबित करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे पास संख्या है, लेकिन हम सीएम उद्धव ठाकरे का सम्मान करते हैं, हम उनके खिलाफ नहीं बोलेंगे. हमें उस रास्ते पर चलना चाहिए जिस पर हमने विधानसभा चुनाव लड़ा था.