ग्वालियर : मध्य प्रदेश में 43 हजार से ज्यादा संदिग्ध मतदाताओं के सामने आने के बाद प्रशासनिक प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। दरअसल चुनाव के लिए ग्वालियर जिले की वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का काम चल रहा है। पुनरीक्षण के दौरान वोटर लिस्ट को सॉफ्टवेयर से मिलान किया गया तो सॉफ्टवेयर ने लिस्ट में ग्वालियर जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में 43,734 संदिग्ध मतदाता पाए हैं। जानकारी के मुताबिक, सॉफ्टवेयर ने इन मतदाताओं को एक जैसे मिलते-जुलते चेहरे के आधार पर संदिग्ध माना है। वहीं 40 मतदाता ऐसे भी हैं जिनमे नाम, पिता के नाम और पते एक ही पाए गए हैं।
इतनी बड़ी तादाद में संदिग्ध मतदाताओं के सामने आने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय इसके वेरिफिकेशन में जुट गया है। सबसे ज्यादा 11 हज़ार संदिग्ध मतदाता ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में मिले हैं। वहीं ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में भी दस हजार के करीब संदिग्ध मतदाता सामने आए हैं।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी जेपी गुप्ता ने बताया कि जिले की वोटर लिस्ट में जो संदिग्ध मतदाता मिले हैं उनके वेरिफिकेशन का काम शुरू किया जा रहा है। इसके लिए ARO असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर और BLO बूथ लेबल ऑफिसर मिलकर सत्यापन का काम कर रहे हैं। सत्यापन के बाद बचे हुए संदिग्ध मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम चल रहा है। 4 जनवरी को अंतिम सूची प्रकाशित होगी उससे पहले सभी दावे आपत्ति और संदिग्ध मतदाताओं के मामले में सत्यापन किया जाएगा।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
जिले में कुल 6 विधानसभा हैं और इन सभी विधानसभाओं में अलग-अलग अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है जो वोटर लिस्ट का सत्यापन कर रही है, लेकिन इससे पहले ही जिले में कुल 43 हजार से ज्यादा वोटर लिस्ट संदिग्ध पाए जाने को लेकर हड़कंप मच गया है। इसको लेकर अब आरोप-प्रत्यारोप का भी मामला उठने लगा है। कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि पिछले विधानसभा चुनावो में फर्जी वोटरों का कहीं ना कहीं उपयोग किया गया है। यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में यह वोटर संदिग्ध निकले है।