देहरादून। आज सुबह 11बजे विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय देहरादून में इकठठा हुए और यूसीसी वापस लेने की मांग करते हुए जबरदस्त नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया और ज्ञापन दिया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के संयोजक नुमाईंदा ग्रुप आफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पूर्व मन्त्री याकुब सिद्दीकी ने कहा कि यूसीसी संविधान के विरूद्ध है, यूसीसी सामाजिक, धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है युसीसी से हर धर्म का व्यक्ति प्रभावित होगा, युसीसी कानुन मे काफी विसंगतियां है सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए समाजवादी अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय सचिव गुलफाम अली ने कहा है कि सामान नागरिक संहिता (यूसीसी) से केवल मुस्लिम समुदाय के हितों को प्रभावित करेगा, यूसीसी कानून का दुष्प्रभाव हिन्दू धर्म सहित सभी धर्मो पर पडेगा, यूसीसी कानून सनातन धर्म की मुल भावना के विरुद्ध है लिव-इन-रिलेसनशिप की कोई मान्यता कोई भी मजहब नही देता है।
यह देवभूमि उतराखणड की मुल भावना के खिलाफ है भाजपा की धामी सरकार सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए और जनता का ध्यान महगाई बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, पहाडो से हो रहे पलायन से ध्यान हटाने के लिए लाई है और जनजातियो यूसीसी के बाहर निकालकर सरकार ने दोहरा मापदण्ड अपनाया है।
ज्ञापन देने वालो मे मुख्य रूप से नुमाईंदा ग्रुप आफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पूर्व मन्त्री याकुब सिद्दीकी, समाजवादी अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय सचिव गुलफाम अली, तन्ज़ीम रहनुमा मिल्लत युकेडी नेता राज्य आंदोलनकारी लताफत हुसैन, महिला मन्च की अध्यक्ष श्रीमती कमला पन्त, श्री निर्मला बिष्ट, पूर्व जिला पंचायत सदस्य राव नसीम अहमद, जगमोहन बिष्ट, हाजी राव सुलतान राव, जरीफ अहमद, समीर मलिक आदि काफी सख्या मे लोगों ने भाग लिया।