वर्ल्ड कप-2023 के बीच भारत के लिए एक बुरी खबर आई है. भारत के महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी का सोमवार को निधन हो गया. बिशन सिंह भारत के कप्तान भी रहे. बाएं हाथ के स्पिनर बेदी को अपनी बेहतरीन स्पिन के लिए तो जाना ही जाता था लेकिन इसके अलावा वह अपने मुखर रवैये के लिए भी काफी मशहूर थे. 25 सितंबर 1946 को जन्में बेदी अपनी फ्लाइट में बल्लेबाजों को बुरी तरह से फंसाते थे. उन्होंने 15 साल की उम्र में नॉर्दन पंजाब के लिए डेब्यू किया. 1967 में उन्होंने भारत के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू किया. तब उनकी उम्र महज 21 साल की थी.
बेदी बाद में दिल्ली शिफ्ट हो गए और फिर यहीं रहे.यहीं से उन्होंने अपनी घरेलू क्रिकेट खेली. टीम इंडिया के लिए उन्होंने 67 टेस्ट मैच खेले और 266 विकेट लिए. बेदी ने 1974 में वनडे डेब्यू किया था और भारत के लिए 10 मैच खेले जिसमें सात विकेट लिए. बेदी का फर्स्ट क्लास करियर देखा जाए तो उन्होंने 370 मैचों में 1560 विकेट अपने नाम किए. वहीं 72 लिस्ट-ए मैचों में उन्होंने 71 विकेट लिए.
पेसर से बने स्पिनर
बेदी शुरू में तेज गेंदबाज बनना चाहते थे लेकिन अमृतसर में उनकी टीम के कप्तान गुरुपाल सिंह ने उन्हें स्पिन फेंकने को कहा और तब से वह स्पिनर बन गए. सुरेश मेनन ने बेदी की बायोग्राफी में लिखा है कि बेदी कंचे खेलते थे और वहीं से उनकी स्पिन फेकने की ताकत मजबूत हुई. स्पिन को उन्होंने सीरियसली लिया और घंटो नेट्स पर अभ्यास किया. मेनन ने लिखा है कि बेदी एक पचास पैसे के सिक्के पर लगातार छह गेंदें फेंक सकते थे और बल्लेबाज को पता भी नहीं चलता कि गेंद हर बार अलग एंगल से आ रही है.
पर्थ में मचाया धमाल
बेदी के बारे में कहा जाता है कि उनकी गेंदबाजी की खासियत उनका कंट्रोल था. ये बेदी ही थे जिन्होंने तेज गेंदबाजों के लिए मददगार मानी जाने वाली ऑस्ट्रेलिया के पर्थ की पिच पर अपनी फिरकी का दमखम दिखाया. भारत ने 77/78 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और पर्थ में बेदी ने 194 रन देकर पांच विकेट अपने नाम किए थे. इस सीरीज में बेदी ने कुल 31 विकेट अपने नाम किए थे. 1981 में बेदी ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया. था. बेदी ने अपना आखिरी टेस्ट द ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. 1979 में श्रीलंका के खिलाफ मैनचेस्टर में उन्होंने अपना आखिरी वनडे खेला था.
वेस्टइंडीज में किया कमाल
बेदी टीम के कप्तान भी रहे. उनकी कप्तानी में भारत ने 1976 में वेस्टइंडीज का दौरा किया था और इस दौरे पर बेदी की कप्तानी में पोर्ट ऑफ स्पेन में चौथी पारी में 406 रनों का टारगेट चेज कर लिया था. अगले मैच में विंडीज ने अपने तूफानी चार तेज गेंदबाज उतारे और इन गेंदबाजों ने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ बाउंसर गेंद का जमकर इस्तेमाल किया. भारत के कई बल्लेबाज चोटिल हो गए. बेदी ने विंडीज की इस हरकत पर आपत्ति जताई और दो विकेट पर पारी घोषित कर दी. पाकिस्तान के सरफराज नवाज ने भी भारत के खिलाफ एक मैच में जमकर बाउंसर गेंदें फेंकी. इस पर भी बेदी गुस्सा हो गए और उन्होंने ये मैच छोड़ दिया.
गेंदबाज पर लगाया वैसलिन लगाने का आरोप
बेदी मुखर रूप से बिना डरे अपनी बात रखते थे. इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने ऐसा कुछ कर दिया था कि गेंदबाज हक्का-बक्का रह गया. उन्होंने 76-77 में इंग्लैंड टीम के भारत दौरे पर चेन्नई (तब मद्रास) टेस्ट में उसके गेंदबाज जॉन लीवर पर गेंद पर वैसलीन लगाने का आरोप लगाया. वह भारतीय टीम के कोच भी रहे.