बीजिंग: भारत और चीन में अब पत्रकारों को लेकर विवाद बढ़ गया है। चीन ने भारतीय पत्रकारों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। चीन का आरोप है कि भारत ने भी चीनी पत्रकारों को अपने देश से बाहर निकाला है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने बिगड़ते संबंधों के वक्त में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश से भारतीय मीडिया की उपस्थिति को मिटाते हुए प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के रिपोर्टर को देश छोड़ने का निर्देश दिया है। इस साल की शुरुआत में भारतीय मीडिया के चार पत्रकार चीन में स्थित थे। इन चारों में से एक के पत्रकार ने इस हफ्ते चीन छोड़ दिया है। जबकि प्रसार भारतीय और एक दूसरे मीडिया संस्थान के दो पत्रकारों का वीजा चीन ने रिन्यू नहीं किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने भारतीय पत्रकारों को देश से निकाले जाने पर चुप्पी साध रखी है।
एक दूसरे के पत्रकारों को निकाल रहे भारत-चीन
पिछले महीने, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि भारत और चीन एक-दूसरे के पत्रकारों को बाहर निकाल कर एक-दूसरे की मीडिया पहुंच को मिटा रहे हैं। जानकार लोगों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने सरकारी शिन्हुआ न्यूज एजेंसी और चाइना सेंट्रल टेलीविजन के दो पत्रकारों का वीजा रिन्यू नहीं किया है। चीन के दोनों पत्रकारों ने भारत छोड़ दिया है। इसके साथ ही 1980 के दशक के बाद अब भारत में चीनी सरकारी मीडिया का कोई पत्रकार मौजूद नहीं है।
चीन ने भारत पर लगाए आरोप
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने भारत पर 2017 से अपने पत्रकारों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। वहीं, भारत ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि चीनी पत्रकार बिना किसी कठिनाई के देश में काम कर रहे हैं, लेकिन चीन में भारतीय पत्रकारों के लिए ऐसा नहीं है। पिछले महीने चीन ने अपने बयान में कहा था कि भारत ने “बिना किसी कारण के” चीनी पत्रकारों के वीजा की वैधता अवधि को एक से तीन महीने के बीच कम कर दिया था। साथ ही, 2020 में नई दिल्ली ने चीनी पत्रकारों के भारत में स्थायी रूप से रहने के आवेदनों को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
भारतीय पत्रकारों को वीजा नहीं दे रहा चीन
माओ निंग ने एक नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि मैं आपको बता सकती हूं कि लंबे समय से चीनी मीडिया के पत्रकारों को भारत में अनुचित और भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ा है। हालांकि, सच्चाई यह है कि पत्रकारो को अपने देश से बेदखल करने का काम चीन ने शुरू किया था। पिछले महीने चीन ने प्रसार भारती समेत दो निजी मीडिया संस्थानों के भारतीय पत्रकारों को अपने देश लौटने से रोक दिया था। इसके अलावा एक अन्य प्राइवेट मीडिया संस्थान के पत्रकार के प्रेस क्रेडेंशियल्स को अमान्य कर दिया था।
कैसे शुरू हुआ पत्रकार वीजा विवाद
कुछ महीने पहले भारतीय पत्रकारों को रिपोर्टिंग में मदद करने के लिए चीन में सहायक नियुक्त करने को लेकर वीजा विवाद शुरू हुआ था। दरअसल चीन ने एक समय में तीन व्यक्तियों को रोजगार सीमित करने को लेकर नियम लागू किए हैं। वहीं, भारत में काम पर रखने की ऐसी कोई सीमा नहीं है। 2020 में गलवान में हुई सैन्य झड़प के बाद से बीजिंग और नई दिल्ली के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं।