नई दिल्ली: भारत पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर को लेकर दिए बयान पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार (13 मई, 2025) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मामलों पर भारत का रुख स्पष्ट किया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘कश्मीर पर किसी की भी मध्यस्थता भारत को मंजूर नहीं है. सीजफायर पर ट्रंप को भारतीय विदेश मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर सिर्फ भारत-पाकिस्तान के बीच का मामला है और अब मुद्दा सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली करने का है.’
‘ये पाकिस्तान की मजबूरी थी’
विदेश मंत्रालय ने ये भी बताया कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच बातचीत के बाद संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी. पाकिस्तान की ओर से इस बातचीत के लिए अनुरोध उसी दिन किया गया था. भारत ने साफ किया कि ये पाकिस्तान की मजबूरी थी, क्योंकि उसी दिन सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरफोर्स के ठिकानों पर अत्यधिक हमले किए थे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये भारतीय सेना की ताकत थी, जिसने पाकिस्तान को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए मजबूर कर दिया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अन्य देशों के साथ बातचीत में भारत ने एक ही संदेश दिया कि वो 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में केवल आतंकवादी ढांचे को निशाना बना रहा है. अगर पाकिस्तानी सेना गोली चलाएगी तो भारत भी मुंहतोड़ जवाब देगा. पाकिस्तान अगर हमला नहीं करेगा तो भारत भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा. उन्होंने आगे बताया कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होते समय भी पाकिस्तान को जानकारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे अनदेखा किया.
‘कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर को लेकर दिए बयान पर रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत का रुख स्पष्ट और अडिग है. जम्मू कश्मीर से जुड़ा कोई भी मामला सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच का ही मामला है. भारत की इस नीति में कोई तब्दीली नहीं हुई है. पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र (PoK) को खाली करना होगा.