नई दिल्ली l ’मेट्रोमैन’ के नाम से मशहूर ई श्रीधरन ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के एक साल से भी कम समय के अंदर सक्रिय राजनीति छोड़ दी है. केरल में चुनाव से चंद पहले बीजेपी में शामिल होने वाले 89 साल के श्रीधरन महज 294 दिन ही सक्रिय राजनीति में रहे.
एलात्तुवलापिल श्रीधरन ने आज गुरुवार को केरल के मलप्पुरम में सक्रिय राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया. श्रीधरन ने कहा कि उन्होंने अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी हार से सबक सीखा है.
मैं कभी राजनेता नहीं थाः श्रीधरन
उन्होंने कहा, “मैं कभी राजनेता नहीं था,” श्रीधरन ने सक्रिय राजनीति से बाहर निकलने की घोषणा करते हुए यह भी कहा, “राजनीति में सक्रिय नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि मैं राजनीति को पीछे छोड़ रहा हूं.”
राजनीति में अपने एंट्री की घोषणा करते समय, ई श्रीधरन ने मुख्यमंत्री का पद संभालने और केरल की राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभाने में रुचि भी जाहिर की थी. उन्होंने कहा, “जब मैं हार गया तो मैं निराश हो गया था. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वह समय चक्र अब बीत चुका है. निर्वाचित होने पर मैं विधायक होता. मैं अकेले विधायक बनकर कुछ ज्यादा नहीं कर सकता था.”
पलक्कड़ सीट से चुनाव हार गए थे श्रीधरन
श्रीधरन ने कहा, “मैं अब 90 साल का हूं. राजनीति में आगे बढ़ना खतरनाक है. मेरा राजनीति में अब कोई सपना नहीं है. मुझे अपनी धरती की सेवा के लिए राजनीति की जरूरत नहीं है. मैं पहले से ही तीन ट्रस्टों के माध्यम से ऐसा कर रहा हूं.”
ई श्रीधरन केरल विधानसभा चुनाव में पलक्कड़ सीट से मौजूदा विधायक शफी परम्बिल से कांटेदार मुकाबले में 3,859 मतों से हार गए थे. बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए ने 2 अप्रैल को राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे. एनडीए की नजर राज्य में कम से कम 35 सीटों पर जीत हासिल करने थी, लेकिन गठबंधन नेमोम की अपनी एकमात्र सीट को भी बचा पाने में कामयाब नहीं हुआ. चुनाव में ‘मेट्रोमैन’ श्रीधरन और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन सहित इसके सभी प्रमुख नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.
श्रीधरन को कोंकण रेलवे और दिल्ली मेट्रो के सफल निर्माण में उनके नेतृत्व के साथ भारत में सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) का चेहरा बदलने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में काम किया. बाद में उन्होंने प्रमुख शहरों में कई अन्य मेट्रो परियोजनाओं में भी अहम योगदान दिया.
श्रीधरन को 2001 में पद्म श्री और 2008 में पद्म विभूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. यही नहीं फ्रांस सरकार ने श्रीधरन को 2005 में अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित कर चुकी है. जबकि अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध पत्रिका टाइम मैग्जीन ने श्रीधरन को एशिया हीरो का टाइटल दिया था.
खबर इनपुट एजेंसी से