आनंद अकेला की खास रिपोर्ट
सिंगरौली। देशभर में ऊर्जाधानी के रूप में मशहूर सिंगरौली जिला अब ब्लैक डायमंड के साथ सोना भी उगलेगा। सोने के भंडार मिलने की वजह से जिले में रोजगार के नए अवसर पैदा होगा। जीएसआई की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सिंगरौली में सोने का भंडार है। यहां जमीन के अंदर 7.29 मिलियन टन सोने के अयस्क हैं। कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद एमपी सरकार जल्द ही इस सोने के भंडार की नीलामी की प्रक्रिया शुरू होगी। इस खबर के बाद जिले के लोगों में खुशी का माहौल है।
गौरतलब है कि अभी तक सिंगरौली देश भर में बिजली और कोयला उत्पादन के लिए पहचाना जाता है। अब चमकदार सोने के उत्पादन में भी देश भर में अपना नाम बनाने जा रहा हैं। जीएसआई ने इसे लेकर सिंगरौली जिले में सर्वे किया था। सर्वे में पाया है कि चितरंगी के ही सिल्फोरी और सिधारी इलाके में स्वर्ण भंडार मौजूद है।
सिंगरौली जिले में सोने की दो खदानें स्थापित हो सकती हैं। चितरंगी इलाके के चकरिया गांव में पहले से ही एक स्वर्ण ब्लॉक बनाया जा चुका है, जिसकी नीलामी भी हो चुकी है। जल्द ही वहां खनन का कार्य भी शुरू हो जाएगा। इसके बाद एक नई सोने की खदान चितरंगी के ही सिल्फोरी और सिधारी इलाके में चिन्हित की गई है, यहां पर 7.29 मिलियन टन सोने का भंडार छुपे होने का अनुमान है। जीएसआई के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ था जिसके बाद इसे नए स्वर्ण भंडार के रूप में एक ब्लॉक बनाया गया है और जिले के सभी जानकारियां एकत्रित करके प्रदेश में भेजी जा रही हैं। इसके बाद इसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी
सिंगरौली के जिला खनिज अधिकारी एके राय ने कहा कि ब्लैक डायमंड के साथ-साथ अब सिंगरौली गोल्ड उत्पादन करने वाला जिला बन जाएगा। चकरिया की खदान पहले ही स्वीकृत हो चुकी है और उसकी नीलामी भी हो चुकी है अब चितरंगी इलाके में बने इस स्वर्ण ब्लॉक की जरूरी जानकारी जिले से मंगाई गई थी जिसे भोपाल भेजा जा रहा है। वहीं चकरिया माइंस में 3-4 महीने के अंदर ही काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि यहां सोने की खदानों में रोजगार के अवसर के साथ- साथ ही सिंगरौली की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होगी।
ब्लैक डायमंड के साथ-साथ अब सिंगरौली पीला सोना उत्पादन करने वाला जिला भी बन जाएगा। संभावना इस बात की भी है कि, सोने की खदानों में स्थानीय युवाओं को रोजगा भी मिलेगा। साथ ही जिले की पहचान भी राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होगी। जिले को लोगों को इंतजार है, सोने की खदानों में काम शुरू होने का।
ऐसे खोजा सोना…
2002 से सोने की खोज 8 जिलों में शुरू हुई थी। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के जरिए सोने की संभावनाओं पर काम किया गया। ये जिले सिंगरौली व कटनी के साथ ही बालाघाट-सिवनी, जबलपुर, शहडोल, उमरिया और बैतूल थे।
सिंगरौली व कटनी में सोने की खदानों की हुई थी पुष्टि
कुछ जगह सर्वे ठप हो गया, लेकिन अब सिंगरौली व कटनी में सोने की खदानों की पुष्टि हुई। यहां से सोने के अंश का परीक्षण करके पूरी मात्रा का आंकलन किया गया है। केंद्र और राज्य के बीच सोना खनन को लेकर रिपोर्ट फाइनल कर दी गई है।