प्रयागराज : भारत सरकार राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा ने आज सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम-विकास संस्थान, प्रयागराज का भ्रमण किया। कार्यालय के संयुक्त निदेशक एल.बी.एस. यादव ने माननीय मंत्री जी का स्वागत किया । वैभव खरे, सहायक निदेशक ने मंच का संचालन किया। कार्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बैठक ली। बैठक में संयुक्त निदेशक ने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराया तथा एमएसएमई-विकास संस्थान, प्रयागराज तथा शाखा एमएसएमई-विकास संस्थान, वाराणसी द्वारा गत वर्षों की उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया।
उद्योग से संबंधित राज्य सरकार के सभी विभाग के अधिकारियों, कार्यालय संयुक्त आयुक्त उद्योग, प्रयागराज मण्डल, अग्रणी जिला प्रबंधक, बैंक ऑफ बडौदा, जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र, जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी, प्रयागराज तथा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ बैठक की तथा उनके द्वारा एमएसएमई के विकास के लिए स्कीमों को मंत्रालय स्तर पर स्वीकृति प्रदान कर जल्दी से लागू करने का निवेदन किया गया। माननीय महोदय के समक्ष इंडस्ट्रीज एसोसिएशन तथा उद्यमियों द्वारा अपनी-अपनी समस्याओं को रखा। श्री टंडन, ईस्टर्न यू.पी. चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज, प्रयागराज जी द्वारा नैनी में बंद पड़ी बीपीसीएल कंपनी को पुनः चालू करने तथा श्री राजीव नय्यर द्वारा इंडस्ट्रियल क्षेत्र में बिजली कटौती की समस्या को भी उजागर किया । कार्यक्रम में उपस्थित इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा प्रयागराज में एक्सटेंशन सेंटर स्थापित करने की भी मांग उठाई जिसके निर्माण हेतु माननीय मंत्री जी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध होते ही इसको त्वरित गति से पूर्ण किया जाएगा तथा तब तक के लिए कानपुर में टेक्नोलॉजी सेंटर का लाभ उठाएं।
मंत्री जी ने अपने उद्घोषण में बताया कि जो हमारे उत्पाद हैं उसमे 30% जो है लघु AVN सोच मुद्दों का योगदान है। सरकार ने तीन लाख करोड़ रूपये करोना काल में उद्दमियो के लिए आवंटित किया । उसके बाद 1.5 लाख करोड़ और आवंटित किया, उसके बाद पचास हज़ार करोड़ और आवंटित किया और इसकी समय सीमा 31 मार्च 2022 थी जिसको सरकार ने बढ़ाकर 31 मार्च 2023 कर दिया। सरकारी टेंडर में 200 करोड़ से ऊपर में जो ग्लोबल कंपनियां ही हिस्सेदारी कर सकती हैं। प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि युक्रेन में फंसे सभी लोगों को सफलतापूर्वक निकालकर भारत देश वापस लाये और वहाँ से आये हुए लोगों ने प्रधानमंत्री के प्रयास का भूरि-भूरि प्रंशसा की।