बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित करने और जोड़ने के लिए ड्राइव चलाने की तैयारी कर ली है. बीजेपी अलसंख्यक मोर्चा ने “अल्पसंख्यक मित्र” (अल्पसंख्यक समुदाय के दोस्त) नाम से विशेष ड्राइव चलाने की योजना बनाई है. इस कार्यक्रम के जरिए पार्टी हरेक मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में 100 अल्पसंख्यक मित्र बनाएगी.
एक-एक अल्पसंख्यक मित्र अपने आस पड़ोस के कम से कम 50 अल्पसंख्यक लोगों को अपने साथ जोड़ेगा. अपने इस प्रयास के जरिए बीजेपी प्रत्येक विधानसभा में 5 से 10 हजार वोट बढ़ाने की कवायद कर रही है. कम से कम 80 विधानसभा ऐसी हैं, जिसमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 25 हजार से 1 लाख तक है. ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में अपसंख्यक मोर्चा से जुड़े लोगों को बूथ लेवल पर भी जोड़ा जाएगा.
मुस्लिम वोटर्स को जोड़ने की कवायद
पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने टीवी9 भारतवर्ष को बताया की मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी अपलसंख्यक मित्रों खासकर मुस्लिम वर्ग से लोगों को बूथ लेवल पर भी जोड़ेगी. इस कार्यक्रम के जरिए बीजेपी मुस्लिम समुदाय से गैर राजनीतिक लोगों को जोड़ेगी. बीजेपी उन मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ेगी, जो बीजेपी के प्रति अच्छी धारणा तो रखते हैं लेकिन अपने प्रोफेशनल मजबूरी की वजह से वो बीजेपी से सीधा नहीं जुड़ सकते. डॉक्टर, इंजीनियर,उद्यमी, धर्मगुरु, ब्यूरोक्रेट जैसे लोग इस कार्यकर्म के तहत जोड़े जाएंगे, जो अपनी प्रोफेशनल मजबूरी के चलते किसी भी राजनीतिक दल से सीधे नहीं जुड़ सकते.
‘बहकावे में नहीं आएंगे गुजरात के मुस्लिम’
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने अल्पसंख्यक मित्र कार्यक्रम ऐसे समय में चलाने का फैसला लिया है, जब पार्टी को लगातार बिल्किस बानो केस में छूटे 11 अभियुक्तों को जेल से रिहा होने की आड़ में विरोध झेलना पड़ रहा है. इस पर अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि एक डेड मुद्दे को बार बार उठाकर विपक्ष के लोग मुस्लिम मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं . लेकिन गुजरात की मुस्लिम जनता अब 20 साल बाद इस बहकावे में नहीं आएगी.
‘गुजरात दंगा न पहला दंगा था और न आखिरी’
उनका कहना है कि गुजरात के मुस्लिम सालों से विपक्षी दलों के मंसूबे को जान चुकी है, लिहाजा इस बार वो भ्रामक कोशिशों में नहीं फंसेगी. सिद्दीकी ने कहा कि 2002 का गुजरात दंगा न पहला दंगा था और न आखिरी, लेकिन ये भी उतना सच है कि गुजरात दंगे में लोगों को सजा हुई जबकि देश के अन्य हिस्सों में हुए दंगों में सजा नहीं हुई.
9.5 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी
सिद्दीकी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की प्रधानमंत्री मोदी में पूरी आस्था है. समुदाय के लोग अब ये समझ चुके हैं, कि पीएम मोदी धर्म, पंथ और मजहब देखकर फैसले नहीं करते और उनकी सरकार द्वारा बनाए गई योजनाओं गरीब और मजलूमों के हक में होते हैं. गुजरात में लगभग 9.5 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी है. लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव, 2017 में बीजेपी ने कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा था. जबकि कांग्रेस ने 5 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 3 विधायक बने थे.