नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने SpaDeX और अभिनव पेलोड के साथ पीएसएलवी-सी60 को लॉन्च करके ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्पैडएक्स मिशन का नाम “भारतीय डॉकिंग टेक्नोलॉजी” रखा गया है क्योंकि यह पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है और भारत ‘डॉकिंग तकनीक’ से संबंधित इस तरह का पहला प्रयोग कर रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र ने कहा कि SpaDeX का मिशन प्रधानमंत्री मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण से मेल खाता है।
SpaDeX मिशन का शुभारंभ भारत द्वारा डॉकिंग तकनीक के संबंध में किए गए पहले प्रयोगों में से एक है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक है और इसीलिए इसका नाम भारतीय डॉकिंग टेक्नोलॉजी रखा गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2024 भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक उल्लेखनीय यात्रा रही है। भारत के पहले सौर मिशन का उदाहरण देते हुए कहा कि आदित्य मिशन, भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक बहुत ही महत्वाकांक्षी मिशन है, जो लॉन्च होने के तीन महीने बाद ही जनवरी 2024 में L1 बिंदु पर पहुंच गया।
SpaDeX मिशन
वर्ष 2024 की शुरुआत अंतरिक्ष के बारे में खबरों से हुई। भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एक बहुत ही महत्वाकांक्षी मिशन जो L1 बिंदु पर पहुंच गया था। इसे 3 महीने पहले लॉन्च किया गया था, लेकिन यह जनवरी के महीने में गंतव्य पर पहुंचा। मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद पहले 3 महीनों में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया। अब हम अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों को उनके मिशन को पूरा करने में भी सहायता कर रहे हैं।
मिशन गगनयान 2024 के बारे में क्या कहा ?
मिशन गगनयान के कई परीक्षण 2024 में पहले ही किए जा चुके हैं, जिसमें एक महिला रोबोट की विशेषता वाला अंतिम ड्रेस रिहर्सल अगले साल होने वाला है। मिशन गगनयान ISRO की महत्वाकांक्षी परियोजना है जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली भारत की पहली मानव-चालित अंतरिक्ष उड़ान होगी। ये उत्साह केवल अंतरिक्ष अन्वेषण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जैव प्रौद्योगिकी, बुनियादी विज्ञान,अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और सीएसआई गतिविधियों सहित विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में जिज्ञासा और जागरूकता भी पैदा करता है। हम एक महिला रोबोट के साथ ड्रेस रिहर्सल का इंतजार कर रहे हैं, जो अगले साल कभी भी हो सकता है। अंतरिक्ष ने वास्तव में संभवत उन रहस्य को खोल दिया है, जिसने अंतरिक्ष गतिविधियों को जनता के सामने आने से रोक दिया था।