नई दिल्ली : नकली भारतीय नोट छापने की खबरें तो आए दिन देश के किसी न किसी इलाके से आती रहती हैं लेकिन अब डॉलर के नकली नोट छपने की खबर ने सबको हैरान किया है। नकली नोट छापने का यह काला खेल गुजरात के एक गोदाम में चल रहा था, जिसका भडाफोड़ एक मजदूर की गलती की वजह से हो गया। पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, गुजरात के अहमदाबाद वटवा के एक गोदाम में नकली नोट मिले है। इनमें इंडियन करेंसी के नकली नोटों के अलावा ऑस्ट्रेलियाई डॉलर्स के नोट भी मिले हैं। इस मामले की जांच को लेकर कहा गया कि अहमदाबाद पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को अहमदाबाद के वेजलपुर में नकली करेंसी के सर्क्युलेशन का इनपुट मिला था और जिसके बाद टीम ने इस पर एक्शन लिया।
एक मजदूर की गलती की वजह से हुआ भंडोफोड़
इस मामले का भंडाफोड़ तब हुआ जब 24 साल का एक मजदूर रौनक राठौड़ 50 डॉलर के 119 ऑस्ट्रेलियाई नकली नोटों को बदलने के प्रयास कर रहा था। पुलिस ने उसे नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया था। इतना ही नहीं, पुलिस ने कथित मास्टरमाइंड 36 वर्षीय मौलिक पटेल तक पहुंचाया, जो एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी है।
एसओजी को पता चला कि मामले में आरोपी मौलिक पटेल 20 साल के छात्र ध्रुव देसाई के साथ मिलकर वटवा के एक कारखाने में नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर छापने का काम करता था। पुलिस ने 50 डॉलर के 32 नकली नोट और 18 आंशिक रूप से छपे नोटों को बरामद किया है।
पुलिस ने पकड़ा जाली नोट छापने वाला गिरोह
पुलिस द्वारा जब्त किए गए सामान की कुल कीमत करीब 11 लाख रुपये हैं, जिसमें 2 लाख 10 हजार रुपये के सात मोबाइल फोन के अलावा 16500 रुपये की भारतीय करेंसी शामिल है। इतना ही नहीं पुलिस ने नकली करेंसी छापने के लिए टेमप्लेट के तौर पर इस्तेमाल होने वाले असली नोट भी बरामद किए हैं।
यह भी सामने आया कि नकली नोट छापने वाला ये गिरोह मुख्य रूप से उन लोगों को निशाना बनाता था, जो कि विदेश यात्रा पर जाते थे। नकली डॉलर को सस्ते दामों में देने का लालच देते थे।