नई दिल्ली: अगर आपने वित्तीय वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख मिस कर दी है, तो अब भी आपके पास समय है। आप 31 दिसंबर 2024 तक अपना लेट ITR फाइल कर सकते हैं। हालांकि, लेट ITR फाइल करने पर आपको अधिकतम ₹5,000 तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
लेट ITR क्या है?
लेट इनकम टैक्स रिटर्न (Belated ITR) वह रिटर्न है जो मूल डेडलाइन के बाद फाइल किया जाता है। आयकर अधिनियम की धारा 139(4) के तहत, करदाताओं को डेडलाइन के बाद भी एक विशेष समयसीमा के भीतर अपना रिटर्न फाइल करने की अनुमति दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए यह समयसीमा 31 दिसंबर 2024 है।
इसके साथ ही, 31 दिसंबर 2024 संशोधित ITR (Revised ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख भी है। अगर आपने पहले फाइल किए गए ITR में कोई गलती की है, तो आप इसे सुधारकर दोबारा फाइल कर सकते हैं।
देर से ITR दाखिल करने पर जुर्माना: जानिए पूरी जानकारी
अगर आप तय तारीख के बाद इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते हैं, तो आपको लेट फीस के रूप में ₹5,000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। हालांकि, जिनकी कुल आय ₹5 लाख से कम है, उनके लिए यह जुर्माना ₹1,000 तक सीमित है।
लेट रिटर्न फाइल करना क्यों है जरूरी?
लेट रिटर्न फाइल करने के नुकसान जरूर हैं, लेकिन रिटर्न बिल्कुल न फाइल करने से बेहतर है। इसके कई फायदे हैं:
कानूनी पालन: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना एक कानूनी अनिवार्यता है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो तय आय सीमा में आते हैं।
भारी जुर्माने से बचाव: रिटर्न फाइल न करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस आ सकता है। इसके अलावा, आपको अतिरिक्त जुर्माना और ब्याज चुकाने की नौबत भी आ सकती है।
वित्तीय दस्तावेज़ के रूप में उपयोग: आयकर रिटर्न (ITR) सिर्फ टैक्स फाइलिंग तक सीमित नहीं है। यह वीज़ा आवेदन, लोन अप्रूवल और प्रॉपर्टी लेनदेन जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए एक अहम दस्तावेज़ है।
रिवाइज्ड ITR भरने की अहमियत: करंजावाला एंड कंपनी में पार्टनर मनमीत कौर के अनुसार, रिवाइज्ड ITR भरना बेहद जरूरी है। यह आपको पहले से भरे गए ITR में हुई गलतियों, चूक, या किसी भी तरह की अनियमितताओं को सुधारने का मौका देता है।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) के अनुसार, कोई भी करदाता अपनी ITR को संशोधित कर सकता है। रिवाइज्ड रिटर्न उसी असेसमेंट वर्ष की समाप्ति से तीन महीने पहले तक भरा जा सकता है।
रीवाइज्ड आईटीआर फाइल करते समय किन बातों का रखें ध्यान?
- रीवाइज्ड आईटीआर फाइल करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि इसे मूल आईटीआर में की गई गलतियों को सुधारने के लिए फाइल किया जाता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि इसमें दी गई सभी जानकारियां सही और सटीक हों।
- व्यक्तिगत जानकारी जांचें: नाम, पता, पैन नंबर और बैंक खाता विवरण जैसे व्यक्तिगत जानकारी सही होनी चाहिए।
- सभी आय स्रोत का खुलासा करें: अपनी सभी आय के स्रोतों को सही-सही घोषित करें।
- सही कटौती का दावा करें: सभी योग्य टैक्स कटौतियों का सही दावा करना सुनिश्चित करें।
- आय और टीडीएस विवरण सही भरें: अपनी आय, भुगतान किए गए टैक्स और टीडीएस (Tax Deducted at Source) का विवरण सही तरीके से दर्ज करें।
- फॉर्म 26AS/TIS/AIS से मिलान करें: आईटीआर में दिए गए विवरण को फॉर्म 26AS, TIS (Taxpayer Information Summary), और AIS (Annual Information Statement) में उपलब्ध जानकारी से क्रॉस-चेक करें।