नई दिल्ली: कोविड महामारी के दौरान देश भर में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारी खर्च हुआ। कर्नाटक में भी इस दौरान कुल 13,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए। हालांकि, अब राज्य में इस फंड के दुरुपयोग के आरोप सामने आए हैं। सूत्रों का कहना है कि लगभग 1000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है, जो एक बड़ा घोटाला हो सकता है। इस मामले में कई फाइलें गायब होने की भी जानकारी दी जा रही है, जिससे मामला और गंभीर हो गया है।
MUDA घोटाले के बाद नया घोटाला
कर्नाटक में इससे पहले मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले की चर्चा थी, जो अब एक नए कोविड फंड घोटाले से जुड़ गया है। यह घोटाला बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान हुआ बताया जा रहा है। इस घोटाले की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जस्टिस जॉन माइकल डी’कुन्हा द्वारा तैयार की गई है, जिसमें कोविड से जुड़े कई वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कैबिनेट बैठक में अपनी गंभीर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जस्टिस डी’कुन्हा की रिपोर्ट में सैकड़ों करोड़ रुपये की हेराफेरी का जिक्र है और कई फाइलें गायब हैं। यह फाइलें उनके कई बार अनुरोध करने के बावजूद पेश नहीं की गईं, जिससे साफ होता है कि मामले में कई गड़बड़ियां हुई हैं।
रिपोर्ट का विश्लेषण और अगले कदम
जस्टिस डी’कुन्हा की इस 1000 पृष्ठों वाली अंतरिम रिपोर्ट को अब सरकारी अधिकारियों द्वारा जांचा जा रहा है। अगले छह महीनों में इस रिपोर्ट का अंतिम रूप तैयार किया जाएगा और इसे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने की उम्मीद है। समिति का कार्यकाल भी छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है ताकि सभी पहलुओं पर गहन जांच की जा सके।
राजनीतिक हलचल और बयानबाजी
इस घोटाले की वजह से कर्नाटक की राजनीति में हलचल मची हुई है। जब विधि और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल से इस मामले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि हर बार कोई महत्वपूर्ण रिपोर्ट आने पर उसे बदले की भावना से जोड़ा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि MUDA घोटाले से इस मामले की तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि दोनों के बीच कोई समानता नहीं है।
कांग्रेस और भाजपा की जंग
कांग्रेस के लिए यह रिपोर्ट एक तरह से वरदान साबित हो रही है, क्योंकि भाजपा ने हाल ही में सिद्धारमैया को MUDA घोटाले में घेरने की कोशिश की थी। MUDA घोटाला भूमि आवंटन से जुड़ा है, जिसमें सिद्धारमैया की पत्नी को बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर जमीन आवंटित करने का आरोप है। हालांकि, इस आरोप को लेकर सिद्धारमैया ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती दी है।
कर्नाटक में कोविड फंड का दुरुपयोग एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिससे राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आने वाले दिनों में जब इस मामले की अंतिम रिपोर्ट सामने आएगी, तो और भी खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल, जनता और राजनीतिक दलों की नजरें इस घोटाले की जांच और उसके नतीजों पर टिकी हैं।