नई दिल्ली: ‘एक देश एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसी साल पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने इस पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी. कमेटी ने दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दिया था. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कैबिनेट ने कमेटी की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है. 1967 तक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव अधिकांशतः साथ-साथ कराए गए थे. इसके बाद ये चक्र टूट गया था.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि समिति ने 191 दिन इस विषय (एक देश एक चुनाव) पर काम किया. इस विषय पर समिति को 21 हजार 558 प्रतिक्रियाएं मिलीं. इसमें से 80% ने ‘एक देश एक चुनाव’ का समर्थन किया. 47 राजनीतिक दल ने इस पर प्रतिक्रिया दी. 15 को छोड़कर बाकी ने इसका समर्थन किया. समिति ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, निवार्चन आयुक्त और राज्य निर्वाचन आयुक्तों से इस पर बातचीत की.
पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होंगे
उन्होंने बताया कि दो चरणों में इसको लागू किया जाएगा. पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होंगे. दूसरे चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के 100 दिन के भीतर स्थानीय चुनाव (पंचायत और निगम) कराए जाएंगें. एक मतदाता सूची होगी. इसको लागू करने के लिए सरकार एक कार्यान्वयन समूह भी बनाएगी.कमेटी की रिपोर्ट पर देशभर में चर्चा होगी. इसमें हितधारकों और सामाजिक संगठनों से बात की जाएगी.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि विधि आयोग ने निर्वाचन विधियों में सुधार पर अपनी 170वीं रिपोर्ट में कहा है कि हर साल और बिना उपयुक्त समय के निर्वाचनों के चक्र का अंत किया जाना चाहिए. कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने लोकसभा और विधानसभाओं के लिए साथ-साथ चुनाव कराने को लेकर दिसंबर 2015 में पेश अपनी 79वीं रिपोर्ट में इसकी भी जांच की है.
हम आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे
ये प्रस्ताव कब तक लागू और इसके लिए जरूरी 2 तिहाई बहुमत पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी टर्म में लागू करेंगे. सबसे बात करेंगे.बड़ी संख्या में पार्टियों ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है. अगले कुछ महीनों में हम आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे. कमेटी की सिफारिशों पर कार्यान्वयन समूह का गठन किया जाएगा. सिफारिशों पर देश में विभिन्न मंचों पर चर्चा की जाएगी.
विपक्ष में आंतरिक दबाव न बनने लगे
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को विपक्ष की ओर से अव्यावहारिक बताने वाली टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘एक देश एक चुनाव’ के बारे में बहुत जल्दी विपक्ष में आंतरिक दबाव न बनने लगे, क्योंकि 80 फीसदी से अधिक लोगों ने इसे समर्थन दिया है. खासकर युवा, इसके पक्ष में हैं. केंद्रीय मंत्री ने ये टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान के बाद की है.
मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है बीजेपी
‘एक देश एक चुनाव’ पर खरगे ने बुधवार को कहा कि यह व्यवस्था व्यवहारिक नहीं है. बीजेपी चुनाव के समय इसके जरिये असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है. यह व्यवस्था चलने वाली नहीं है. इससे पहले मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लागू करेगी.