अबू धाबी: पीएम मोदी ने पिछले महीने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अब वह मुस्लिम देश यूएई की राजधानी अबू धाबी में इसी सप्ताह एक मंदिर का उद्घाटन करेंगे। गुलाबी बलुआ पत्थर से बना यह मंदिर 27 एकड़ में फैला है, जिसे राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने ‘सूरज के चमकते रहने तक’ पट्टे पर दिया है। विदेशी मीडिया के मुताबिक चुनावी साल में इसके जरिए वह खुद को एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में लगे हैं।
ब्लूमबर्ग ने अपने एक लेख में लिखा कि यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच निवेश से जुड़े एमओयू पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। 13 फरवरी को पीएम मोदी एक स्टेडियम में भारत के 40 हजार से ज्यादा लोगों को संबोधित करेंगे। ब्लूमबर्ग ने इसे अपने लेख में धर्म, राजनीति और पैसे का अनूठा मिश्रण बताया। पिछले महीने यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद (MBZ) ने भारत गए थे। गुजरात के हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया गया था। ब्लूमबर्ग के इस लेख में इस बात पर हैरानी भी दिखी कि मुस्लिम देश में एक मंदिर बन रहा है।
बड़े बिजनेस की संभावनाएं
मोदी ने MBZ को भाई बताया था। मंदिर के प्रमुख पुजारी ब्रह्मविहरिदास ने ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा, ‘भारत और इस क्षेत्र के बीच संबंध कभी इतने मजबूत नहीं रहे।’ इन संबंधों का महत्व बिजनेस से भी जुड़ा है। भारत मध्य पूर्वी तेल के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है। वहीं यूएई से एक बड़ा निवेश भारत में होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शेख तहन्नून बिन जायद अल नाहयान की निजी निवेश फर्म रॉयल ग्रुप का लंबे समय से भारत के प्रति आकर्षण रहा है।