नई दिल्ली: देश में भीषण गर्मी चरम पर है. जून महीने में पहाड़ से लेकर मैदानी इलाके तप रहे हैं. महीने की शुरुआत यानी 1 जून से मानसून ने देश में दस्तक दी थी. उम्मीद जताई जा रही थी कि मानसूनी बारिश जमकर भिगोएगी, लेकिन ऐसा फिलहाल होता नहीं दिखा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, देश में मानसून अवधि की शुरुआत के बाद से 20 फीसदी बारिश कम दर्ज की गई है.
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, देश में 1 से 18 जून के बीच केवल 64.5 मिमी बारिश हुई है. यह लंबी अवधि के 80.6 मिमी के औसत (LPA) से 20 प्रतिशत कम है. उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 70 प्रतिशत कम 10.2 मिमी बारिश हुई है. इसके अलावा मध्य भारत में सामान्य से 31 प्रतिशत कम 50.5 मिमी, दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक 106.6 मिमी तथा पूर्व एवं उत्तर-पूर्व भारत में सामान्य से 15 प्रतिशत कम 146.7 मिमी बारिश हुई रिकॉर्ड की गई है.
यहां आने वाला है मानसून
भीषण गर्मी से राहत मिलने के आसार तीन से चार दिन में मिलने वाले हैं. मानसून ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ी है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन से चार दिनों में मानसून के आने की स्थिति बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों, उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी, झारखंड के कुछ हिस्सों में बन रही है.
ऐसे हुई मानसून की शुरुआत
देश में मानसून की स्थिति 1 जून से बनी थी. आईएमडी ने बताया कि 19 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में पहुंच गया था. 26 मई को चक्रवात रेमल के साथ ही मानसून दक्षिण के अधिकांश हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के मध्य के कुछ हिस्सों तक पहुंच गया था. 2 से 6 दिन पहले 30 मई को मानसून ने केरल और पूर्वोत्तर राज्यों में दस्तक दे दी थी. 12 जून को मानसून ने केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और गोवा के सभी हिस्सों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकतर क्षेत्रों, दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी ओडिशा के कुछ भागों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के अधिकतर हिस्सों, सिक्किम और सभी पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश हिस्सों में दस्तक दे दी थी.