भोपाल। लोकसभा चुनाव बेहद नजदीक हैं. सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी हुई हैं. लेकिन इसी बीच खबर आई है कि बीजेपी को इस बार गाड़ियां, हेलिकॉप्टर और विमान जैसी सुविधाएं जुटाने में मुश्किल हो रही है. मध्य प्रदेश में पहली बार यह स्थिति बनी है कि पार्टी के पास रिजर्व में न तो कोई हेलिकॉप्टर है और न ही विमान. इसका कारण है विधानसभा चुनाव के समय का 55 करोड़ के करीब पेमेंट रोका जाना.
कई एजेंसियों ने इस बार अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान बीजेपी के पास 8 हेलिकॉप्टर और 4 विमान रिजर्व में थे. सरकार और पार्टी से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अब इन कंपनियों से बातचीत की जा रही है. ताकि चुनाव प्रचार के समय किसी तरह की कोई दिक्कत न हो.
दरअसल, विधानसभा चुनावों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय सभी ने हवाई दौरे किए. 230 विधानसभाओं के प्रभारियों को फोर व्हीलर दी गई थी. कई पदाधिकारियों के पास अलग से वाहन भी थे. यानी, कुल करीब 350 गाड़ियां किराए पर ली गई थीं. इसी तरह होर्डिंग्स लगाने वाले, नुक्कड़ नाटक करने वाले, कॉल सेंटर और एलईडी वैन लेकर घूमने वालों को भी बीजेपी ने सक्रिय किया था, लेकिन इन सभी का काफी पेमेंट रुक गया है.
करोड़ों का पेमेंट रुका
हेलिकॉप्टर और विमान का ही तीन एजेंसियों का 7 से 10 करोड़ रुपए रुका है. टैक्सियों का भी करीब 5 करोड़ का पेमेंट नहीं हुआ. सिर्फ भोपाल में ही 80 से 90 लाख रुपए बकाया चल रहा है. बताया जा रहा है कि प्रचार के लिए इस्तेमाल किए गए संसाधनों का भी करोड़ों रुपए बकाया है. ऐसे हालातों के कारण लोकसभा चुनाव में बीजेपी को संसाधन जुटाने में मुश्किल हो रही है. मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लिए एक उड़नखटोले की व्यवस्था करने में उनके ऑफिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसीलिए अब पार्टी ही सारी व्यवस्थाएं जुटाने में लग गई है.
‘खुद करो अपनी व्यवस्था’
पार्टी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व ने बीजेपी शासित राज्यों को साफ कर दिया है कि वो किराए से हेलिकॉप्टर और विमान के साथ बाकी व्यवस्थाएं खुद करें. यही वजह है कि अभी तक मध्य प्रदेश में पार्टी स्तर पर पूरी व्यवस्थाएं नहीं हो सकी हैं.