नई दिल्ली: लक्षद्वीप बनाम मालदीव का विवाद के बाद भारत के साथ मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई है. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का भारत विरोधी रवैया अब खुलकर सामने आ रहा है. चीन से दोस्ती में मुइज्जू इतने डूब गए कि वो भारत के अहसानों को भूल गए गए. चीन के जासूसी जहाज ‘जियांग यांग होंग 03’ को मालदीव आने की इजाजत देकर मुइज्जू ने चीन को भारत के दरवाजे तक बुला लिया. जिस भारत के दम पर मालदीव की इकोनॉमी चलती है, आज वो चीन के कर्ज के दम पर भारत को आंख दिखा रहा है. लक्षद्वीप विवाद के बाद भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का बहिष्कार करना शुरू कर दिया. जो भारतीय टूरिस्ट मालदीव की इकोनॉमी में बूस्टर डोज का काम करते हैं, अब उसकी नाराजगी मालदीव की अर्थव्यवस्था को झेलनी पड़ रही है.
लक्षद्वीप विवाद से मालदीव को नुकसान
भारतीय टूरिस्ट मालदीव की इकोनॉमी में बूस्टर डोज देने का काम करते हैं, लेकिन विवाद के बाद से वहां जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. भारतीय पर्यटकों की संख्या के काम होने का मतलब है सीधे-सीधे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना. मालदीव सरकार की कुल कमाई का एक बड़ा हिस्सा भारतीय टूरिस्टों द्वारा किए गए खर्चों से आता है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो विवाद के बाद से मालदीव को रोजाना 9 करोड़ के करीब का नुकसान हो चुका है. जब से ये विवाद शुरू हुआ तब से अब तक मालदीव को करोड़ों का नुकसान हो चुका है. मालदीव के ट्रैवल एजेंसी के मुताबिक इस नुकसान का असर मालदीव के 44000 परिवारों पर हो रहा है, जो टूरिस्ट सेक्टर से जुड़े हैं. विवाद के बाद होटल और रिसॉर्ट मालिकों से रूम्स का किराया आधा कर दिया है, लेकिन फिर भी कमरे खाली जा रहे हैं. जिसका नुकसान वहां की अर्थव्यवस्था को हो रहा है.
भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी
लक्षद्वीप विवाद के बाद मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. मालदीव के हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म सेक्टर के सबसे बड़े उपभोक्ता भारतीय हैं. वहां करीब 180 होटल हैं, लेकिन भारतीय पर्यटकों की कमी के चलते इन्हें भारी नुकसान हो रहा है. भारतीय टूरिस्टों की संख्या में कमी आने से मालदीव का नुकसान दिन पर दन बढ़ रहा है. मालदीव के लग्जरी होटल ब्रांड सोनेवा फुशी के सीईओ ने भारत के साथ विवाद के कारण मालदीव की टूरिज्म और होटल इंडस्ट्री पर पड़ने वाले असर का जिक्र अपने लिंक्डइन पोस्ट के जरिए भी किया है.
मालदीव की GDP में भारत की हिस्सेदारी
मालदीव की इकोनॉमी टूरिज्म पर ही निर्भर करती है. वहां की जीडीपी का करीब 28% हिस्सा पर्यटन पर निर्भर करता है. फॉरेन एक्सचेंज में इसकी हिस्सेदारी 60 फीसदी की है. वहीं मालदीव आने वाले पर्यटकों में भारतीय सबसे आगे है. साल 2023 में 209198 भारतीय मालदीव पहुंचे. साल 2022 में 240000 इंडियन टूरिस्ट पहुंचे थे. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीयों की नाराजगी से मालदीव को कितना नुकसान हो रहा है.
इन चीजों के लिए तरस जाएगा मालदीव
सिर्फ पर्यटक ही नहीं मालदीव की भारत पर निर्भरता खाने-पीने से लेकर इंजीनियरिंग गुड्स, औद्योगिक उत्पाद के लिए भी है. मालदीव भारत से स्क्रैप मेटल, इंजीनियरिंग गुड्स, औद्योगिक उत्पाद जैसे फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर और सीमेंट के अलावा चावल, आटा, मसाले, फल-सब्जियां, चीनी, पोल्ट्री प्रोडक्ट खरीदता है. सितंबर 2023 तक दोनों देशों के बीच 416.06 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें मालदीव को निर्यात सबसे ज्यादा है.