नई दिल्ली। बीते कुछ सालों में स्मार्टफोन काफी अडवांस हो गए हैं। फोन्स में आने वाले नए और हाई-टेक फीचर यूजर्स को काफी पसंद आ रहे हैं। eSIM भी इन्हीं फीचर्स में से एक है। ऐपल ने अपनी iPhone 14 सीरीज को eSIM फीचर के साथ लॉन्च किया था। इस वक्त मार्केट कई और कंपनियों के फोन मौजूद हैं, जिनमें eSIM सपोर्ट दिया जा रहा है। eSIM फिजिकल सिम कार्ड का डिजिटल वर्जन है। इसे फिजिकल सिम की तरह फोन में अलग से नहीं लगाया जाता। यह डिवाइस में बिल्ट-इन होता है। eSIM में रीराइट की सुविधा भी मिलती है। इससे आपको इसी eSIM में दूसरे ऑपरेटर की सर्विस मिलनी शुरू हो जाएगी। इसको फिजिकल सिम की तरह बदलने का झंझट नहीं है। eSIM की खास बात है कि यह फोन में स्पेस भी कम लेता और इससे डिवाइस की प्रोसेसिंग स्पीड भी अच्छी रहती है। यह यूजर को बेहतर सिक्योरिटी भी देता है। आइए डीटेल में जानते हैं eSIM के बारे में।
eSIM क्या है?
eSIM फिजिकल सिम से काफी अलग है। यह एंबेड यानी बिल्ट-इन सिम होता है। इसका काम फिजिकल सिम वाला ही है। यह यूजर को आइडेंटिफाइ करके टेलिकॉम ऑपरेटर की सर्विस से कनेक्ट करता है। यह सारा प्रोसेस डिजिटल होता है। नेटवर्क सर्विस को यूज करने के लिए eSIM के डेटा प्लान को डाउनलोड और इंस्टॉल करने की जरूरत पड़ती है। eSIM डिवाइस में एंबेड रहता है और इससे फायदा यह होता है कि सेटिंग्स के जरिए यूजर नेटवर्क्स के बीच स्विच कर सकते हैं।
कैसे काम करता है eSIM?
eSIM के काम करने का तरीका नॉर्मल सिम की तरह ही है। इसमें आपको टेलिकॉम प्रोवाइडर की सर्विस के लिए साइन अप करना होगा। इसके बाद आपको अपने फोन के eSIM में एक सिम प्रोफाइल डाउनलोड करना होगा। इस प्रोफाइल में आपके फोन नंबर के अलावा डेटा प्लान और दूसरी जानकारिया होंगी, जो नेटवर्क से कनेक्ट होने के लिए जरूरी हैं। eSIM की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यूजर इसमें कई प्रोफाइल यानी अलग-अलग नंबर और नेटवर्क सेव कर सकते हैं और जरूरत के अनुसार इसे यूज कर सकते हैं। फिजिकल सिम में अलग-अलग ऑपरेटर की सर्विस को यूज करने के लिए सिम कार्ड चेंज या नंबर पोर्ट कराना पड़ता है।
भारत में इन डिवाइसेज में मिलता है eSIM सपोर्ट
eSIM सपोर्ट वाले फोन भारत में धीरे-धीरे पॉप्युलर हो रहे हैं। अभी यह फीचर केवल महंगे डिवाइसेज में ही देखने को मिल रहा है। भारत में जिन फोन्स में eSIM ऑफर किया जा रहा है, उनमें सैमसंग गैलेक्सी S24 सीरीज, आईफोन 16 सीरीज, आईफोन 15 सीरीज, आईफोन 14 सीरीज, मोटोरोला एज 50 अल्ट्रा और गूगल पिक्सल 9 सीरीज के डिवाइस शामिल हैं।
ये ऑपरेटर दे रहे eSIM सर्विस
भारत की तीन बड़ी टेलिकॉम कंपनियां- जियो, एयरटेल और Vi eSIM सर्विस ऑफर कर रही हैं। आप eSIM सर्विस के लिए अपने सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क कर सकते हैं। इसे ऐक्टिवेट करने के लिए यूजर्स को कुछ स्टेप्स को फॉलो करना होता है। सर्विस ऐक्टिवेशन के लिए ऑपरेटर आमतौर पर ईमेल पर एक QR कोड भेजते हैं, जिसे यूजर्स को स्कैन करना होता है। ध्यान रहे कि हर ऑपरेटर के ऐक्टिवेशन प्रोसेस में थोड़ा-बहुत अंतर जरूर होगा।
eSIM यूज करने के कुछ नुकसान
eSIM सर्विस के काफी फायदे हैं, लेकिन इसमें भी कुछ कमियां जरूर हैं। आइए अब जान लेते हैं इन कमियों के बारे में।
1- फोन बदलना मुश्किल
फिजिकल सिम वाले फोन में अगर दिक्कत आ जाए, तो दुनिया से कनेक्ट करने के लिए सिम को निकाल कर दूसरे फोन में लगाया जा सकता है। eSIM वाले डिवाइसेज में ऐसा करना थोड़ा मुश्किल है। eSIM यूजर्स को दूसरे फोन को यूज करने के लिए क्लाउड से पूरे eSIM डेटा को डाउनलोड करना होगा।
2- eSIM सपोर्ट वाले डिवाइसेज की कमी
eSIM केवल ऐपल, गूगल और सैमसंग जैसी कंपनियों के फ्लैगशिप डिवाइसेज में ऑफर किया जा रहा है। बजट और मिड-रेंज वाले फोन्स में अभी इसकी एंट्री नहीं हुई है। अगर आप भी कम बजट में eSIM का मजा लेना चाहते हैं, तो आपको थोड़ा लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
3- आसानी से किया जा सकता है ट्रैक
eSIM वाले डिवाइसेज में यूजर्स की प्राइवेसी को थोड़ा नुकसान पहुंचता है। लोकेशन ट्रैकिंग को रोकने के लिए फिजिल सिम को डिवाइस से अलग किया जा सकता है, लेकिन eSIM फोन में एंबेड होता है और इसी कारण इसे अलग नहीं किया जा सकता।