नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गोवा इकाई ने राज्य में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में वृद्धि पर चिंता जताई है. गोवा आरएसएस प्रमुख राजेंद्र भोबे ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से आग्रह किया कि वह मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में न देखे और अन्य राज्यों से आए लोगों को स्थानीय मतदाता सूची में शामिल न कराए.
टाइस्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भोबे ने कहा कि काम के लिए गोवा आए मुसलमानों को अपने-अपने राज्यों में वोट देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का गोवा में विधानसभा चुनाव के नतीजों पर असर पड़ेगा. गोवा आरएसएस प्रमुख ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों की निंदा करने के लिए आयोजित रैली में कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम और सत्ता परिवर्तन के बाद, उस देश में हिंदुओं पर हमले हुए.
‘कहीं बन जाए दूसरा पाकिस्तान’
उन्होंने कहा, “उनके घर जला दिए गए हैं, उनके व्यवसाय लूट लिए गए हैं और हिंदू महिलाओं को अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है.” भोबे ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, बल्कि पिछले 500 सालों में हिंदुओं के खिलाफ इसी तरह के अत्याचार देखे गए हैं. उन्होंने कहा, “हिंदू सो रहे हैं. क्या हम सोते रहेंगे? हमारे देश में कई ऐसे इलाके हैं जहां अगर हम निष्क्रिय रहे तो दूसरा पाकिस्तान बनने की संभावना है.”
‘बांग्लादेश से हो जाएगा हिंदुओं का सफाया’
भोबे ने कहा कि ज्यादातर समय राजनेताओं की मानसिकता इसे वोट बैंक के रूप में देखने की होती है. गोवा आरएसएस प्रमुख ने कहा, “अगर हमें हिंदू के रूप में रहना है तो हमें कुछ चीजों को लागू करना होगा.” उन्होंने कहा कि जब बांग्लादेश बना था, तब हिंदुओं की कुल आबादी करीब 23% थी, लेकिन अब यह घटकर 7% रह गई है. भोबे ने कहा, “अगले 10 से 20 सालों में बांग्लादेश से हिंदुओं का सफाया हो जाएगा.”
आरएसएस नेता ने गोवा को लेकर जताई चिंता
उन्होंने कहा कि गोवा में भी यह कहा गया है कि बहुत सारे मुस्लिम भाई रेल और अन्य मार्गों से राज्य में चले गए हैं. भोबे ने कहा, “हमारे संविधान के अनुसार, हम किसी को भी किसी राज्य में जाने से नहीं रोक सकते, लेकिन सरकार और गैर सरकारी संगठनों को डेटा एकत्र करने की आवश्यकता है.” 2022 के विधानसभा चुनाव में, गोवा में 85,000 मुस्लिम मतदाता थे, और कुल मतदाता 11.5 लाख थे. भोबे ने कहा, “वे (मुसलमान) केवल मतदाता के रूप में 7.5% थे. उनके बच्चों को ध्यान में रखते हुए, उस समय गोवा में मुसलमानों की कुल आबादी लगभग 12% होगी.”
गोवा आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को भाजपा के समक्ष उठाया है. उन्होंने कहा, “2027 के विधानसभा चुनावों में, मौजूदा 7.5% में से वही मतदाता 10 से 12% तक पहुंच जाएंगे. उन्हें वोट बैंक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और उन्हें मतदाता के रूप में नामांकित नहीं किया जाना चाहिए. वे काम करने आए हैं और उन्हें अपने-अपने गांवों में वोट देने दें. अगर उनका वोट शेयर बढ़ता है, तो नतीजों पर असर पड़ने की संभावना है.”