Saturday, May 10, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home कला संस्कृति

संतान के शारीरिक को दूर करने इस दिन अवश्य करें व्रत, जानिए पूजन विधि और महत्त्व

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
17/08/21
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
संतान के शारीरिक को दूर करने इस दिन अवश्य करें व्रत, जानिए पूजन विधि और महत्त्व

google image

Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

श्रावण माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकदशी नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को पवित्रोपना एकादशी, पवित्रा एकादशी नाम से भी जाना जाता है। वर्षभर में दो एकादशियों को पुत्रदा एकादशी नाम से जाना जाता है। श्रावण और पौष माह में शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी। संतान सुख की इच्छा रखने वालों को इस व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए। जो व्यक्ति इस व्रत का पालन करता है, उसे वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन से सारे अभाव समाप्त हो जाते हैं और मृत्यु के बाद बैकुंठ की प्राप्ति होती है।

पवित्रा एकादशी का व्रत करने वालों को उत्तम गुणों वाली संतान की प्राप्ति होती है। इसलिए इसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। अगर संतान किसी कारण से बीमार रहती है तो माता पिता को पवित्रा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। पवित्रा एकादशी के दिन भगवान नारायण की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत में सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें। सूर्यदेव को जल अर्पित करें और स्वच्छ वस्त्र धारण कर एकादशी व्रत का संकल्प लें। भगवान श्री हरि विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करें और दिनभर निराहार रहते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करते रहें। सायंकाल में फिर पूजा करें, व्रत कथा सुनें और फलाहार ग्रहण करें। इस दिन पवित्र नदियों में दीपदान का भी विशेष महत्व है। अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान देकर व्रत खोलें।

यह एकादशी धन, संपत्ति, ऐश्वर्य प्रदान करती है। पवित्रा एकादशी के दिन अगर पति-पत्नी दोनों व्रत रखते हैं तो माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। भगवान शिव सभी मनोरथ सिद्ध करते हैं। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने का विशेष महत्व है। इस व्रत में सदाचार का पालन करें। व्यस्नों से दूर रहें। एकादशी व्रत में सभी प्रकार के अनाज का सेवन वर्जित है। जो लोग एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें इस दिन भोजन में चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। झूठ एवं परनिंदा से बचना चाहिए। विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।


खबर इनपुट एजेंसी से

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.